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कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड लगवाने वालों के लिए बुरी खबर! जम सकते हैं खून के थक्के

AstraZeneca: ब्रिटिश हाईकोर्ट में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

नई दिल्लीMay 01, 2024 / 02:58 pm

Paritosh Shahi

AstraZeneca: ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार स्वीकार किया है कि कुल मामलों में उसकी कोविड-19 वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। ब्रिटिश हाईकोर्ट में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में एस्ट्राजेनेका ने पहली बार माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को कई देशों में कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड नामों के तहत बेचा गया था। दो बच्चों के पिता जेमी स्कॉट ने पिछले साल कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। वैक्सीन लेने के बाद उनके ब्रेन में खून के थक्के जम गए थे, जिससे वह काम करने में असमर्थ हो गए थे। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, ब्रिटेन की हाई कोर्ट में ऐसे 51 मामले दर्ज हैं, जिनमें पीडि़तों और तीमारदारों ने 10 करोड़ पाउंड तक के क्षतिपूर्ति मुआवजे की मांग की है।

भारत में करीब 80% डोज कोविशील्ड के लगे

एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर तैयार किया था। भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जानते हैं, जिसका उत्पादन देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था। सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। भारत में करीब 80% वैक्सीन डोज कोविशील्ड की ही लगाई गई है।

क्या है थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के कारण इंसान के शरीर और मस्तिष्क में खून के थक्के जम सकते हैं। बॉडी में ब्लड क्लॉट बनने के चलते व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट होने की आशंकाएं बढ़ जाती है। इसके अलावा इस सिंड्रोम से ब्लड में प्लेटलेट्स कम होने का भी खतरा रहता है।

…तब भी हुआ था विवाद

जब एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन लगनी शुरू हुई थी, तब भी इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर विवाद हुआ था। हालांकि तब कंपनी ने कहा था कि ट्रायल के दौरान वैक्सीन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले। कहा गया था कि वैक्सीन लगने के बाद थकान, गले में दर्द और हल्का बुखार जैसे लक्षण दिखे, लेकिन किसी की मौत या गंभीर बीमारी का मामला सामने नहीं आया।

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