बायोमेडिकल रिसर्च में बहुत महत्त्वपूर्ण
बायोमेडिकल रिसर्च में बायोबैंक महत्वपूर्ण हैं। यह वैज्ञानिक अनुसंधान का समर्थन करने के लिए बायोस्पेसिमेन को इकट्ठा करना, संसाधित करना, संग्रहित करना और वितरित करना इसमें शामिल है। मधुमेह बायोबैंक प्रारंभिक निदान और व्यक्तिगत उपचार रणनीतियों के विकास के लिए नए बायोमार्करों की पहचान करने में मदद कर सकता है। यह भी पढ़ें
ठगी कैसे करते है जंप्ड डिपॉजिट स्कैम? जानिए बचाव के उपाय, कहां करें शिकायत
मिलेगी शोध की सुविधा
इसे युवाओं में विभिन्न प्रकार के मधुमेह, जैसे टाइप 1, टाइप 2 और गर्भावधि मधुमेह के रक्त के नमूनों को भविष्य के अध्ययन और शोध के लिए संग्रहित किया गया है। बायोबैंक मधुमेह के कारणों, भारतीय प्रकार के मधुमेह की विविधताओं और संबंधित विकारों पर उन्नत शोध की सुविधा देगा।–डॉ. वी मोहन, अध्यक्ष एमडीआरएफ