देश में कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अस्थायी अस्पताल बनाने की प्रक्रिया शुरू करने और होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की निगरानी के लिए स्पेशल टीम गठित करने की सलाह दी है। इसको लेकर शनिवार को प्रेस वार्ता में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को शनिवार को एक पत्र में लिखा है कि कोरोना केस बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य ढांचे को अपग्रेड करने की जरूरत है।
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यही नहीं उन्होंने कहा कि खत में ये भी लिखा गया है कि सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिला स्तर पर या स्थानीय स्तर पर कंट्रोल रूम सही तरीके से काम कर रहे हों।
राज्यों के पत्र में ये लिखा
“कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए राज्यों को स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने और अस्थायी अस्पतालों का निर्माण शुरू करने की सलाह दी जाती है। यह DRDO और CSIR के साथ-साथ निजी क्षेत्रों, एनजीओ के साथ मिलकर किया जा सकता है।
“कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए राज्यों को स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने और अस्थायी अस्पतालों का निर्माण शुरू करने की सलाह दी जाती है। यह DRDO और CSIR के साथ-साथ निजी क्षेत्रों, एनजीओ के साथ मिलकर किया जा सकता है।
इन निर्देशों का भी करें पालन
– मरीजों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की प्रक्रिया बनाई जाए।
– राजेश भूषण ने कहा कि सभी राज्यों को अपने होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल और इसे लागू किए जाने को मॉनिटर करना चाहिए।
– आइसोलेशन ठीक से हो रहा है या नहीं इसको लेकर भी एक स्पेशल टीम गठित की जाए।
– सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिला स्तर पर या स्थानीय स्तर पर कंट्रोल रूम सही तरीके से काम कर रहे हों।
– ‘कोविड-19 की जांच के लिए 24 घंटे चलने वाले बूथ बनाएं’
– मरीजों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की प्रक्रिया बनाई जाए।
– राजेश भूषण ने कहा कि सभी राज्यों को अपने होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल और इसे लागू किए जाने को मॉनिटर करना चाहिए।
– आइसोलेशन ठीक से हो रहा है या नहीं इसको लेकर भी एक स्पेशल टीम गठित की जाए।
– सभी राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिला स्तर पर या स्थानीय स्तर पर कंट्रोल रूम सही तरीके से काम कर रहे हों।
– ‘कोविड-19 की जांच के लिए 24 घंटे चलने वाले बूथ बनाएं’
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बता दें कि इससे पहले साल के अंतिम दिन यानि 31 दिसंबर को राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में राजेश भूषण और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बुखार, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस फूलना, शरीर में दर्द, स्वाद या गंध का चले जाना, थकान और दस्त लगने की तकलीफ हो, तो उसे कोविड-19 के संदिग्ध मरीज के रूप में देखा जाना चाहिए।
बता दें कि इससे पहले साल के अंतिम दिन यानि 31 दिसंबर को राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में राजेश भूषण और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बुखार, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस फूलना, शरीर में दर्द, स्वाद या गंध का चले जाना, थकान और दस्त लगने की तकलीफ हो, तो उसे कोविड-19 के संदिग्ध मरीज के रूप में देखा जाना चाहिए।