दिल्ली में नए मरीजों के साथ एक्टिव ( Corona Patients )मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। खास बात यह है कि एक हफ्ते के अंदर राजधानी में कंटेनमेंट जोन ( Contenment Zones ) की संख्या काफी बढ़ गई है। दिल्ली में सात दिनों में 30 कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ाई गई है।
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Delhi Air Pollution: राजधानी में लगातार तीसरे दिन वायु प्रदूषण की हालत गंभीर, जानिए कब तक राहत के आसार नहीं दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ो के मुताबिक रविवार को कोरोनावायरस के 47 नए मामले सामने आए, जबकि 33 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। हालांकि कोविड 19 के चलते रविवार को किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई।
दरअसल, राजधानी दिल्ली में अभी तक 14,40,118 लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 14,14,662 मरीज ठीक हो गए, जबकि 25091 मरीजों ने कोरोना के कारण अपनी जान दे दी। राजधानी में कोरोना से मृत्युदर 1.74 फीसदी है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक दिल्ली में कोरोना के एक्टिव मरीज बढ़कर 365 हो गए हैं।
इनमें से दिल्ली के कई अस्पतालों में 157 मरीज भर्ती हैं। वहीं, होम आइसोलेशन में 161 मरीज भर्ती हुए हैं। त्योहार के चलते बढ़े मामले
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे त्योहार के दौरान उमड़ी भीड़ के साथ प्रदूषण को भी माना जा रहा है। त्योहारों के चलते भीड़ बढ़ने के साथ संक्रमण दर में भी तेजी से इजाफा देखा गया है।
दरअसल एक नवंबर को जांच किए गए सैम्पल में 0.04 फीसदी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित मिले थे। वहीं, बीते 7 नवंबर को यह बढ़कर 0.11 फीसदी हो गई। भले ही पहले के मुकाबले ये आंकड़ा कम है, लेकिन बढ़ोतरी निश्चित रूप से चिंता बढ़ान वाली है।
1 नवंबर को राजधानी दिल्ली में कुल 86 जगहों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था. तब से इनकी संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. वहीं, 7 नवंबर को इनकी संख्या बढ़कर 116 तक पहुंच गई है।
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कोरोना के नए मामलों ने बढ़ाई स्वास्थ्य विभाग की चिंता, ज्यादातर संक्रमितों ने लगवाई वैक्सीन की दोनों डोज इस बीच एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल ने प्रदूषण को भी बड़ा कारण बताया। उनके मुताबिक दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से कोरोना संक्रमण गम्भीर रूप से बीमार कर सकता है।
ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही बड़ा खतरा बन सकती है। ऐसे में लोगों को पूरी तरह सतर्क रहने की जरूरत है।