दरअसल कोरोना का ये नया वैरिएंट अब तक 30 बार अपना रूप बदल चुका है, जो वैज्ञानिकों के लिए भी काफी चिंता का विषय है। गुरुवार को इससे जुड़े 22 मामलों की पुष्टि की है ( South Africa Variant )। लगातार म्यूटेट हो रहे इस वैरिएंट ने WHO के साथ वैज्ञानिकों की भी टेंशन बढ़ा दी है।
यह भी पढ़ेँः Coronavirus In India: नए वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता, केंद्र का राज्यों को निर्देश, यात्रियों की टेस्टिंग और स्क्रीनिंग पर दें जोर दक्षिण अफ्रीका में सेंटर फॉर एपिडेमिक रिस्पांस एंड इनोवेशन के निदेशक प्रोफेसर ट्यूलियो डी ओलिवेरा ने कहा, ‘यह काफी अलग तरह का म्यूटेंट है, जो तेजी से फैल रहा है. इस वेरिएंट ने हमें चौंका दिया है।
वहीं भारत में इस वैरिएंट को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। खास तौर पर बाहर से आने वाले यात्रियों को पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।
वहीं भारत में इस वैरिएंट को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। खास तौर पर बाहर से आने वाले यात्रियों को पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।
इसलिए इस वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता
इस नए वैरिएंट को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए भी है क्योंकि अभी तक ये नहीं पता है कि ये कितनी तेजी से फैल सकता है। KRISP की डायरेक्टर De Oliveira के मुताबिक इस नए वैरिएंट के कई असाधारण म्यूटेशन देखने को मिले हैं।
इस नए वैरिएंट को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए भी है क्योंकि अभी तक ये नहीं पता है कि ये कितनी तेजी से फैल सकता है। KRISP की डायरेक्टर De Oliveira के मुताबिक इस नए वैरिएंट के कई असाधारण म्यूटेशन देखने को मिले हैं।
उनके मुताबिक अब तक 30 से ज्यादा म्यूटेशन दिख चुके हैं। यही नहीं वैज्ञानिकों ने अब तक पाया है कि ये वैरिएंट वैक्सीन को भी चकमा दे सकता है। जो टेंशन का सबसे बड़ा कारण है।
WHO भी कर रहा मंथन
नए वैरिएंट को लेकर किस तरह का हड़कंप है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने आपात बैठक बुलाई है। Technical Advisory Group की बैठक में नए वैरिएंट को लेकर मंथन होगा। WHO के मुताबिक इस वैरिएंट पर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है। ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही बड़े खतरे में डाल सकती है।
नए वैरिएंट को लेकर किस तरह का हड़कंप है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने आपात बैठक बुलाई है। Technical Advisory Group की बैठक में नए वैरिएंट को लेकर मंथन होगा। WHO के मुताबिक इस वैरिएंट पर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है। ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही बड़े खतरे में डाल सकती है।
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यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के आनुवंशिकीविद् प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने कहा कि यह वेरिएंट संभवत: एक बेहद कम प्रतिरक्षा वाले मरीज में लंबे समय तक रहने वाले संक्रमण से उभरा है। उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है इस मरीज को एड्स हुआ हो।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के आनुवंशिकीविद् प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने कहा कि यह वेरिएंट संभवत: एक बेहद कम प्रतिरक्षा वाले मरीज में लंबे समय तक रहने वाले संक्रमण से उभरा है। उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है इस मरीज को एड्स हुआ हो।
प्रोफेसर की मानें तो वैरिएंट के स्पाइक में होने वाले बदलाव के कारण वर्तमान में मौजूद वैक्सीन को यह वायरस आसानी से चकमा देने में सक्षम है। भारत की तैयारी
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने भारत में दूसरी लहर के दौरान जमकर तबाही मचाई थी। दूसरे देशों खास तौर पर यूरोप से आने वाले यात्रियों की वजह से ये देशभर में फैला। यही वजह है कि अब भारत सरकार नए वैरिएंट को लेकर सतर्क हो गई है। नए वैरिएंट से संबंधित देशों से आने वाले यात्रियों को सख्त स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ेगा। इन यात्रियों को ‘एट रिस्क’ वाली कैटेगरी में रखे जाने की तैयारी है।
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने भारत में दूसरी लहर के दौरान जमकर तबाही मचाई थी। दूसरे देशों खास तौर पर यूरोप से आने वाले यात्रियों की वजह से ये देशभर में फैला। यही वजह है कि अब भारत सरकार नए वैरिएंट को लेकर सतर्क हो गई है। नए वैरिएंट से संबंधित देशों से आने वाले यात्रियों को सख्त स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ेगा। इन यात्रियों को ‘एट रिस्क’ वाली कैटेगरी में रखे जाने की तैयारी है।