वहीं भारत में इस वैरिएंट को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। खास तौर पर बाहर से आने वाले यात्रियों को पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।
इस नए वैरिएंट को लेकर ज्यादा चिंता इसलिए भी है क्योंकि अभी तक ये नहीं पता है कि ये कितनी तेजी से फैल सकता है। KRISP की डायरेक्टर De Oliveira के मुताबिक इस नए वैरिएंट के कई असाधारण म्यूटेशन देखने को मिले हैं।
नए वैरिएंट को लेकर किस तरह का हड़कंप है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने आपात बैठक बुलाई है। Technical Advisory Group की बैठक में नए वैरिएंट को लेकर मंथन होगा। WHO के मुताबिक इस वैरिएंट पर अभी और शोध किए जाने की जरूरत है। ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही बड़े खतरे में डाल सकती है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के आनुवंशिकीविद् प्रोफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने कहा कि यह वेरिएंट संभवत: एक बेहद कम प्रतिरक्षा वाले मरीज में लंबे समय तक रहने वाले संक्रमण से उभरा है। उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है इस मरीज को एड्स हुआ हो।
कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने भारत में दूसरी लहर के दौरान जमकर तबाही मचाई थी। दूसरे देशों खास तौर पर यूरोप से आने वाले यात्रियों की वजह से ये देशभर में फैला। यही वजह है कि अब भारत सरकार नए वैरिएंट को लेकर सतर्क हो गई है। नए वैरिएंट से संबंधित देशों से आने वाले यात्रियों को सख्त स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ेगा। इन यात्रियों को ‘एट रिस्क’ वाली कैटेगरी में रखे जाने की तैयारी है।