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महिला कर्नलों को लेकर विवादास्पद समीक्षा: कार्यशैली, प्रशिक्षण व क्षमताओं पर उठे सवाल

Women Colonels: सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को भेजे गए फीड बैक में महिला अधिकारियाें के नेतृत्व वाली कमान में अधिकारी प्रबंधन, निर्णय प्रक्रिया, व्यवहार कुशलता और परस्पर विश्वास की कमी पर चिंता जताई।

नई दिल्लीNov 27, 2024 / 10:59 am

Shaitan Prajapat

Indian Army: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को यूनिट कमांड का मौका दिए जाने के करीब दो साल बाद उनकी कार्यशैली, प्रशिक्षण का अभाव और क्षमताओं के बारे में सवाल उठाए गए हैं। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को भेजे गए फीड बैक में महिला अधिकारियाें के नेतृत्व वाली कमान में अधिकारी प्रबंधन, निर्णय प्रक्रिया, व्यवहार कुशलता और परस्पर विश्वास की कमी पर चिंता जताते हुए इस बारे में नीतिगत निर्णय और प्रशिक्षण में सुधार की जरुरत बताई गई है। सेना के इस आंतरिक फीड बैक से महिला अधिकारियों की भूमिका पर नई बहस छिड़ सकती है। गत 20 नवंबर को 17वीं माउंटेन स्ट्राइक के कोर कमांडर के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल राजीव पुरी ने पूर्वी कमान के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी को भेजे पत्र में यह फीड बैक दिया है। उनके कोर में आठ महिला कर्नल कार्यरत बताई जाती हैं।

प्रशिक्षण का अभाव, अकेले निर्णय, शिकायतें

वरिष्ठ अधिकारी ने फीड बैक में कहा महिला कर्नलों को कमांड भूमिकाओं के बारे में प्रशिक्षित नहीं किए जाने के कारण उन्हें ऑपरेशनल कार्यों की दिक्कतों की जानकारी नहीं है। महिला होने से स्वाभाविक उदारता के टैग से बचने के लिए वे मानव संसाधन प्रबंधन में अत्यधिक कठोर रहती हैं जिससे तनाव का वातावरण बन रहा है। महिला अधिकारी यूनिट में सहभागिता से निर्णय लेने के बजाय एकल निर्णय लेती हैं। यूनिट प्रबंधन में अविश्वास, कठोरता और सहभागिता से निर्णय के अभाव में तनाव की स्थिति बनती है। मानव संसाधन प्रबंधन में कमी के चलते महिला अधिकारियों की ओर से अपने आदेशों की अवहेलना की मातहत कर्मियों के खिलाफ उच्चाधिकारियों को शिकायतें करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
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प्रशिक्षण मानकों में सुधार के लिए फीड बैक

रक्षा सूत्रों का कहना है कि महिला अधिकारियों को यूनिट कमांड का जिम्मा देने का मामला नया है।अभी महिला कर्नलों का पहला बैच आया है। आंतरिक फीड बैक प्रशिक्षण मानकों में सुधार के लिए है। प्रशिक्षण में बदलाव की सतत प्रक्रिया के जरिये सुधार किया जा सकता है। महिला अधिकारी कर्नल के रूप में फिलहाल वायु रक्षा, सिग्नल, आयुध, खुफिया, इंजीनियर और सेवा कोर जैसी यूनिटों की कमान संभाल रही हैं।

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