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कांग्रेसी प्रवक्ता अब कह रहे ‘मोदी है तो मुमकिन है’ जानिए कैसे हुआ ये खेल?

भाजपा(BJP) चुनाव(Lok sabha Elections 2024) से पहले ही कांग्रेस (Congress) को झटके पर झटका दे रही है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और पक्ष रखने वाले प्रवक्ताओं (Congress spokespersons) को ही तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कर ले रहे है।

Apr 05, 2024 / 06:42 am

Anand Mani Tripathi

आम जनता और मीडिया में कांग्रेस की विचारधारा और हॉट टापिक्स पर उसका दृष्टिकोण रखने वाले प्रवक्ता का एक ही रात में बदल कर भाजपा में शामिल होना चौंकाता है। इलेक्ट्रोनिक व सोशल मीडिया पर गर्मागर्म बहस के इस जमाने में पिछले कुछ समय में भाजपा के प्रहारों पर कांग्रेस का बचाव करने वाले प्रवक्ता ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे हैं। भाजपा, पीएम मोदी और आरएसएस पर नफरत फैलाने का आरोप लगाने वाले ये प्रवक्ता अचानक ‘मोदी है तो मुमकिन है’ या ‘जय श्रीराम’ बोलने लगते हैं तो आसानी से उनकी पलटबाजी गले नहीं उतरती।

पाला बदलने वालों में ताजा नाम कांग्रेस के तेजतर्रार प्रवक्ता प्रो.गौरव वल्लभ का है जिन्होंने गुरुवार को कांग्रेस छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया। पिछले कुछ समय में कांग्रेस छोड़ने वाले प्रवक्ताओं की सूची लंबी है। इसमें पांच नाम प्रमुख हैं…

प्रो.गौरव वल्लभ: उम्र-47 वर्ष, चार्टर्ड अकाउंटेंट और फाइनेंस के प्रोफेसर, भाजपा प्रवक्ताओं से टीवी डिबेट में लोहा लिया, दो बार कांग्रेस से चुनाव भी लड़ा।

क्या कारण बताया – सनातन और उद्योगपतियों का विरोध नहीं सह सकते।

जयवीर शेरगिल: उम्र-41 वर्ष, बर्कले विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई, सुप्रीम कोर्ट के वकील, राजनीतिक व कानूनी मामलों के विशेषज्ञ।

क्या कारण बताया- एक साल तक राहुल गांधी ने नहीं मिल पाए, उनके इर्दगिर्द लोगों ने नहीं दिया सम्मान

शहजाद पूनावाला: उम्र – 37 वर्ष, कांग्रेस में राहुल गांधी के खिलाफ अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का प्रयास, कांग्रेस प्रवक्ता से सीधे भाजपा प्रवक्ता बने।

क्या कारण बताया- वंशवाद के खिलाफ बोलने को किया गया मजबूर

रीता बहुगुणा जोशी: उम्र- 75 वर्ष, कांग्रेस व विपक्ष के दिग्गज हेमवतीनंदन बहुगुणा की बेटी, केंद्र में मंत्री और कांग्रेस की तेजतर्रार प्रवक्ता रही।

क्या कारण बताया- सोनिया गांधी ने खुली छूट दी, लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व बंधन।

प्रियंका चतुर्वेदी: उम्र – 46 वर्ष, मैनेजमेंट की पढ़ाई की और एनजीओ से जुड़ी। कांग्रेस की सौम्य एवं तर्कशील प्रवक्ता रहीं, बाद में कांग्रेसजनों पर ही अभद्रता के आरोप के बाद 2019 में कांग्रेस छोड़ उस समय भाजपा की सहयोगी शिवसेना में शामिल।

क्या कारण बताया- आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया

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