मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “हमलोग जातीय जनगणना के शुरू से पक्षधर रहे हैं। बीच में कोरोना और चुनाव जैसे कारणों से इस पर बैठक नहीं हो पाई। अब जल्द ही सभी दलों की बैठक बुलाई जाएगी। सभी दलों के लोगों का सुझाव लिया जाएगा। साथ ही जातीय जनगणना के लिए अधिकारियों को भी लगाया जाएगा।”
नीतीश कुमार ने कहा कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद जातिगत जनगणना का काम शुरू कर दिया जाएगा। तेजस्वी यादव द्वारा जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुलाकात किये जाने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता से जब मुलाकात हुई थी तो उन्हें भी बता दिया गया था। नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर अंदरूनी तौर पर भी वो सारी चीजों को देख रहे हैं और नियम बनाकर बहुत जल्दी जातीय जनगणना के लिए काम शुरू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री जब इसका ऐलान कर रहे थे उस समय बगल में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद भी मौजूद थे। आज जब मुख्यमंत्री इसकी जानकारी दे रहे थे तो बिहार बीजेपी के चेहरा व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद हामी भरते दिखे। मुख्यमंत्री के बोलने के दौरान हल्के तौर पर ही सही लेकिन सर हिला कर मौन सहमति देते दिखे।
बता दें कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भाजपा के अलावे लगभग सभी दल एकमत हैं। भाजपा नेता जातीय जनगणना की बजाय खासकर जनसंख्या नियंत्रण को ज्यादा जरूरी मान रहे हैं लेकिन ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री का जातीय जनगणना को लेकर आया बयान एक बार फिर से बिहार की राजनीति को गरमा सकता है। कई भाजपा नेता जातीय जनगणना का विरोध कर चुके हैं, लेकिन नीतीश कुमार और उनकी सरकार जातीय जनगणना के लिए प्रतिबद्ध है और अब जल्द ही सर्वदलीय बैठक का आयोजन होगा।