महिलाओं के मुद्दों पर किए गए कार्यों का किया उल्लेख
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पत्र में आगे प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के मुद्दों पर किए गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (एफटीसी) के संबंध में, राज्य सरकार द्वारा 10 विशेष पॉक्सो न्यायालयों की मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्त, राज्य भर में 88 एफटीसी और 62 पॉक्सो निर्दिष्ट न्यायालय पूरी तरह से राज्य वित्तपोषण पर कार्यरत हैं। मामलों की निगरानी और इससे निपटना पूरी तरह से न्यायालयों के हाथ में है।”
जिससे एक नजीर पेश हो
इसके अलावा ममता बनर्जी ने पूरे राज्य में राज्य मशीनरी के लोगों के लिए काम करने की बात करते हुए केंद्र से महिलाओं के साथ रेप और हत्या जैसे घृणित अपराधों पर ऐसे कानून बनाने की मांग की, जिससे एक नजीर पेश हो। उन्होंने कहा, “मैं अनुरोध करती हूं कि बलात्कार और हत्या जैसे घृणित अपराधों पर एक सख्त केंद्रीय कानून और दंड पर विचार करें, जिससे समाज में एक नजीर पेश हो। इन मामलों में ट्रायल प्राधिकरण द्वारा मामलों के निपटान के लिए एक विशिष्ट समय सीमा का अनिवार्य प्रावधान किया जाए।” बता दें कि इससे पहले 22 अगस्त को सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने दुष्कर्म जैसे वीभत्स मामलों में संलिप्त आरोपियों के लिए 15 दिन के भीतर कठोर सजा के लिए कानून बनाने और महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पहले पत्र में लिखा था कि पूरे देश में बलात्कार के मामले नियमित रूप से सामने आते हैं। कई मामलों में हत्या के साथ बलात्कार भी होते हैं। देश में प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार के मामले समाज और राष्ट्र के आत्मविश्वास और विवेक को झकझोर देते हैं। महिलाएं सुरक्षित महसूस करें, इसके लिए “ऐसे नृशंस अपराधों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ अनुकरणीय दंड का प्रावधान करने वाले कड़े केंद्रीय कानून” हों और ऐसे मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतों की स्थापना पर भी विचार किया जाना चाहिए ताकि सुनवाई 15 दिन के भीतर पूरी की जा सके।