ऐसे में आपको अब नए कपड़े ( Clothes ) और जूते-चप्पल ( Footwear ) खरीदने के लिए जेब ज्यादा ढीली करना पड़ेगी। माना जा रहा है कि सरकार के इस फैसले से छोटे व्यापारियों की आमदनी पर भी सीधा असर पड़ सकता है।
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एक जनवरी से यार्न से फिनिश्ड फेब्रिक्स तक 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगी। अब तक यार्न पर 12 और फिनिश्ड फैब्रिक्स पर 5 प्रतिशत जीएसटी थी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स ने अधिसूचना जारी कर इस बारे में जानकारी दी है। लंबे समय से यह संभावना जताई जा रही थी कि सरकार रेडीमेड और टेक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ा सकती है और बैठक में ये शंका सही साबित हुई।
एक जनवरी से यार्न से फिनिश्ड फेब्रिक्स तक 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगी। अब तक यार्न पर 12 और फिनिश्ड फैब्रिक्स पर 5 प्रतिशत जीएसटी थी। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन डायरेक्ट टैक्स ने अधिसूचना जारी कर इस बारे में जानकारी दी है। लंबे समय से यह संभावना जताई जा रही थी कि सरकार रेडीमेड और टेक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ा सकती है और बैठक में ये शंका सही साबित हुई।
सभी कपड़ों पर 12 फीसदी GST तय
नए बदलाव के तहत अब 1 जनवरी 2022 से सभी तरह के कपड़ों पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। दरअसल अब तक 1000 रुपए तक के कपड़ों पर 5 फीसदी जीएसटी लगता था। वहीं यार्न यानी धागे पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी ही लगेगा। ऐसे में कच्चे कपड़े से लेकर रेडिमेड तक सभी तरह के कपड़ों पर ग्राहकों को ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
नए बदलाव के तहत अब 1 जनवरी 2022 से सभी तरह के कपड़ों पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। दरअसल अब तक 1000 रुपए तक के कपड़ों पर 5 फीसदी जीएसटी लगता था। वहीं यार्न यानी धागे पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी ही लगेगा। ऐसे में कच्चे कपड़े से लेकर रेडिमेड तक सभी तरह के कपड़ों पर ग्राहकों को ज्यादा कीमत चुकानी होगी।
फुटवियर पर भी करना होगा ज्यादा खर्च
कपड़ों के साथ-साथ फुटवियर यानी जूते-चप्पल खरीदना भी अब महंगा होगा। इस पर भी सरकार एक जनवरी से 12 फीसदी जीएसटी वसूलेगी। इसके अलावा थान, कंबल, बुने धागे, नैपकिन, रूमाल, टेबल क्लॉथ से लेकर तौलिया तक सबकुछ महंगा हो जाएगा।
कपड़ों के साथ-साथ फुटवियर यानी जूते-चप्पल खरीदना भी अब महंगा होगा। इस पर भी सरकार एक जनवरी से 12 फीसदी जीएसटी वसूलेगी। इसके अलावा थान, कंबल, बुने धागे, नैपकिन, रूमाल, टेबल क्लॉथ से लेकर तौलिया तक सबकुछ महंगा हो जाएगा।
15 से 20 फीसदी तक बढ़ सकती है कीमतें
एक्सपर्ट्स की मानें तो सरकार के इस फैसले के बाद संबंधित उत्पादों की कीमतों में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी संभव है। दरअसल कच्चे माल की कीमतों के साथ, यार्न, पैकिंग सामग्री और माल ढुलाई में लगातार तेजी देखी जा रही है। इसके चलते कपड़ों की कीमतों में इजाफा होना तय है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो सरकार के इस फैसले के बाद संबंधित उत्पादों की कीमतों में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी संभव है। दरअसल कच्चे माल की कीमतों के साथ, यार्न, पैकिंग सामग्री और माल ढुलाई में लगातार तेजी देखी जा रही है। इसके चलते कपड़ों की कीमतों में इजाफा होना तय है।
500 रुपए का कपड़ा जो कि जीएसटी के 5 प्रतिशत के साथ 525 रुपए में मिलता था, अब वह 560 रुपए में मिलेगा। वहीं पूरी ड्रेस 1000 रुपए वाली जो 1025 रुपए में मिलती थी, वह 1120 में मिलेगी।
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माना जा रहा है इसका सबसे बड़ा असर निर्यात पर पड़ेगा। टेक्सटाइल सचिव उपेन्द्रसिंह ने भी मेवाड़ चेम्बर ऑफ कामर्स के कार्यक्रम में कहा था कि भविष्य मेनमेड फायबर टेक्सटाइल उद्योग का है।
माना जा रहा है इसका सबसे बड़ा असर निर्यात पर पड़ेगा। टेक्सटाइल सचिव उपेन्द्रसिंह ने भी मेवाड़ चेम्बर ऑफ कामर्स के कार्यक्रम में कहा था कि भविष्य मेनमेड फायबर टेक्सटाइल उद्योग का है।
विश्व में कुल उपयोग में होने वाले 74 फीसदी टेक्सटाइल का उपयोग मेनमेड का होता है। निर्यात बढ़ाने में मेनमेड टेक्सटाइल का सबसे बड़ा योगदान होगा लेकिन सरकार ने जीएसटी 5 से 12 फीसदी कर दी।
उद्योगों की मांग यार्न को भी 5 फीसदी के दायरे में लाने की थी। मेवाड़ चेम्बर ने वित्त मंत्री, टेक्सटाइल मंत्री व प्रधानमंत्री को पत्र लिखा कि जीएसटी 12 फीसदी करने की अधिसूचना वापस ली जाए।