‘पारंपरिक आयुर्वेद और आयुष का हृदय से आभारी हूं’
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ कहा कि मैं पारंपरिक आयुर्वेद के लाभों पर मैं सभी डॉक्टरों और आयुष का हृदय से आभारी हूं। उनके पास साकेत में एक अद्भुत सुविधा है और अब हम इसे सुप्रीम कोर्ट में ला रहे हैं। इसमें योगदान देने वाले प्रत्येक डॉक्टर ने वैज्ञानिक तरीके से यह सुविधा तैयार की है। हम इसे सुप्रीम कोर्ट और इसके माध्यम से पूरे देश के सामने पेश कर रहे हैं।
CJI ने साझा किए फिटनेस टिप्स
मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि मैं रोज योगाभ्यास करता हूं। आज सुबह मैं 3:30 बजे योग करने के लिए उठा। इसके अलावा मैं पिछले 5 महीनों से शाकाहारी आहार का पालन कर रहा हूं। मैं जीवन के समग्र पैटर्न पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रहा हूं।
भारतीयों रोगमुक्त बनाने की है योजना
इससे पहले आयुर्वेदिक हस्तक्षेप के माध्यम से स्वास्थ्य जांच और प्रबंधन की संयुक्त राष्ट्रीय स्तर की परियोजना की घोषणा के दौरान, केंद्रीय आयुष और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए हमें हर भारतीय रोगमुक्त बनाना होगा। इस परियोजना से 20,000 से अधिक आदिवासी छात्रों को लाभ होगा। आयुष मंत्रालय ने अपनी अनुसंधान परिषद, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (सीसीआरएएस) के माध्यम से जनजातीय मामलों के मंत्रालय और आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्राइबल हेल्थ, जबलपुर की संयुक्त पहल से आदिवासी छात्रों के लिए यह स्वास्थ्य पहल की है।