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Omicron के खतरे के बीच दिल्ली में Christmas की रौनक फीकी, घरों से कम निकले लोग

दिल्ली में कोरोना के साथ-साथ Omicron का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि इस वर्ष क्रिसमस की चमक फीकी नजर आई। डीडीएमए की ओर से जारी आदेश के बाद भ्रम के चलते कई लोग गिरजाघरों में नहीं पहुंचे। दिल्ली में बीते 24 घंटे में 180 कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं, जो जून के बाद सबसे ज्यादा है।

Dec 25, 2021 / 08:00 pm

धीरज शर्मा

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना ( Coronavirus In Delhi ) के अब तक के सबसे खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रॉन ( Omicron Variant ) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली भी इससे अछूती नहीं है। यहां भी देश में दूसरे सबसे ज्यादा ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या है। यही वजह है कि केजरीवाल सरकार ने कई पाबंदियां लागू कर दी हैं। इन पाबंदियों का असर त्योहारों और नए वर्ष के जश्न पर भी दिखाई दे रहा है। इस बार क्रिसमस ( Chirstmas 2021 ) पर दिल्ली में रौनक फीकी नजर आ रही है। पाबंदियों के चलते लोग ज्यादा घरों से बाहर भी नहीं निकले हैं। कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन स्वरूप के खतरे के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ईसाई समुदाय के लोगों ने शनिवार को सावधानी के साथ क्रिसमस का पर्व मनाया और कम संख्या में लोग गिरजाघरों में पहुंचे।
भीड़-भाड़ पर लगाई गई रोक

दरअसल कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण के फैलने के खतरे के बीच दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 22 दिसंबर को ही जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि राजधानी में क्रिसमस और नववर्ष के जश्न को लेकर कोई जमावड़ा नहीं होगा।

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इसके बाद डीडीएमए ने कहा था कि क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या के अवसर पर राजधानी दिल्ली में धार्मिक स्थल खुले रहेंगे लेकिन कोविड के मुताबिक नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।

डीडीएमए के मुताबिक, क्रिसमस और नववर्ष के अवसर पर धार्मिक स्थलों में उत्सवों और प्रार्थनाओं का आयोजन किया जा सकता है और लोगों को भी प्रवेश करने की अनुमति होगी। इस दौरान कोविड-19 संबंधी मानक संचालन प्रक्रियाओं तथा तमाम दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।
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घरों से बाहर नहीं निकले कई लोग


दिल्ली के विभिन्न गिरजाघरों में मध्यरात्रि को होने वाली प्रार्थना की बात करें तो रोमन कैथोलिक आर्चडायसी के आर्चबिशप अनिल जोसेफ थॉमस काउटो के मुताबिक इस वर्ष क्रिसमस पर बहुत से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले।

उन्होंने कहा कि भले ही गिरजाघरों में लोगों के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन पाबंदियों के बीच डीडीएमए के आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति में लोग ज्यादा घरों से नहीं निकले। कोरोना की मौजूदा स्थिति के कारण लोग थोड़े चिंतित हैं। हमने बड़ी संख्या में लोगों को नहीं देखा।

बता दें कि दिल्ली में लगातार कोरोना और ओमिक्रॉन के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। बीते दिन ही 180 नए कोरोना केस दिल्ली में सामने आने से हड़कंप मच गया था।

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