यही नहीं शी जिनपिंग ने अपने बधाई संदेश में भी इसका जिक्र करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू को चिट्ठी लिखी है। अपने बधाई संदेश में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने संदेश में भारत और चीन के बीच जारी मतभेदों को सही तरह से सुलझाने के अलावा द्विपक्षीय संबंधों को सही रास्ते पर आगे बढ़ाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि चीन और भारत एक-दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं। ऐसे में इनके बीच स्थिर संबंध आपसी हितों के लिए बहुत ही जरूरी हैं। स्वस्थ और स्थिर चीन-भारत संबंध दोनों देशों के लोगों के आपसी हित से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि वो मुर्मू के साथ मिलकर काम करने में इच्छुक है ताकि आपसी राजनीतिक भरोसे को बढ़ाया जा सके और आपसी सहयोग को और मजबूत किया जा सके। आपको बता दें, शी जिनपिंग का यह संदेश कई मायनों में खास है। दोनों देशों के नेतृत्व के बीच आमतौर पर चिट्ठियों का आदान-प्रदान राष्ट्रीय दिवसों पर होता रहता है। लेकिन कई सालों में ये पहली बार है जब चीन की तरफ से पहली बार राष्ट्रपति के चुनाव पर इस तरह सार्वजनिक तौर पर इस तरह से बधाई दी गई है।
बता दें, शी जिनपिंग के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने मुर्मू को राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी। वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर वह द्रौपदी मुर्मू को बधाई देते हैं। पड़ोसी मुल्क श्रीलंका की तरफ से भी मुर्मू को बधाई दी गई है। श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भी बधाई संदेश भेजा।
गौरतलब है की 64 साल की उम्र में 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू ने 15वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। वो देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होने के साथ-साथ आजादी के बाद जन्म लेने वाली पहली राष्ट्रपति है। इनसे पहले देश में अब तक जितने भी राष्ट्रपति हुए हैं वो सब के सब 15 अगस्त 1947 से पहले के पैदा हुए नेता हैं। साथ ही साथ नो राष्ट्रपति पद ग्रहण करने वाली देश की सबसे युवा राष्ट्रपति भी हैं।