सुखोई की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए ऐसा राडार, नये इंजन, आईआरएसटी सेंसर, आरडब्ल्यूआर, एडवांस जैमर, वैमानिकी, नए ईडब्ल्यू सूट, डीएफसीसी, भारतीय मिसाइलें और बम लगाए जाने हैं। इसके सुखोई पूरी तरह से बदल जाएगा। इससे वायु सेना के बेड़े को नई ताकत मिलेगी। इन हवाई इंजनों का निर्माण एचएएल के कोरापुट डिवीजन में किया जाएगा।
हर साल 30 सुखोई होंगे तैयार
हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (HAL) हर साल 30 इंजन की आपूर्ति करेगा। इसके साथ ही हार साल 30 सुखोई अपग्रेड किए जाएंगे। 2032 तक सुखोई 30 का पूरा बेड़ा ही अपग्रेड कर दिया जाएगा। डिलीवरी कार्यक्रम के अंत तक एचएएल स्वदेशीकरण सामग्री को 63 प्रतिशत तक बढ़ा देगा, जिससे इसका औसत 54 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा। इससे हवाई इंजन के मरम्मत कार्यों में स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।