क्यों मनाया जाता है छठ पर्व?
शास्त्रों के अनुसार यह माना जाता है कि कार्तिक मास में सूर्य अपनी नीच राशि में होता है, इसलिए सूर्यदेव की विशेष उपासना करनी चाहिए। ताकि सभी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से दूर रहें। षष्ठी तिथि का सम्बन्ध संतान की आयु से होता है, इसलिए सूर्य देव और षष्ठी की पूजा से संतान प्राप्ति और उसकी आयु रक्षा दोनों हो जाती है।
त्रेतायुग में भी रखा गया छठ का व्रत
रामायण के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी। इसके अलावा द्वापर युग में द्रौपदी ने भी अपने पतियों की रक्षा और खोया हुआ राजपाट वापस पाने के लिए षष्ठी का व्रत रखा था।