आरबीआई रख रहा पैनी नजर
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) टॉप-अप होम लोन पर पैनी नजर रख रहा है। रिजर्व बैंक को चिंता है कि लोग मकान की मरम्मत या प्रॉपर्टी खरीदने के बदले अन्य कार्यों के लिए टॉप-अप होम लोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। कर्ज का बोझ बहुत बढ़ गया तो उसे चुकाने में चूक यानी डिफॉल्ट भी बढ़ जाएगा। इससे वित्तीय क्षेत्र की सेहत पर बुरा असर पड़ेगा।
कितना टॉप-अप करा सकते हैं
बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी ने बताया, शुरुआत में मंजूर किए गए कर्ज में से इस समय बचा मूलधन घटाने पर जो रकम बचती है, उतना टॉप-अप होम लोन लिया जा सकता है। मान लीजिए कि आपने 50 लाख रुपए कर्ज लिया था और अभी तक 8 लाख रुपए चुकाए हैं तो अभी बैंक का 42 लाख रुपए मूलधन आप पर बकाया है। इस मामले में आप 8 लाख रुपए तक टॉप-अप होम लोन ले सकते हैं। टॉप-अप पर ब्याज दर आमतौर पर होम लोन की ब्याज दर के बराबर ही होती है। इसकी मियाद पहले से चल रहे कर्ज की बची मियाद से ज्यादा नहीं हो सकती।
सस्ता और आसान कर्ज
सहजमनी के संस्थापक अभिषेक कुमार ने कहा, चूंकि होम लोन में आपके मकान की रजिस्ट्री के कागज बैंक या वित्तीय संस्थान के पास रखे होते हैं, इसलिए टॉप-अप लोन पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के मुकाबले सस्ता पड़ता है। कुछ संस्थानों ने प्री-अप्रूव्ड इंस्टैंट टॉप-अप होम लोन देना शुरू कर दिया है। इसमें जिस दिन कर्ज के लिए अर्जी डाली जाती है, उसी दिन कर्ज की रकम खाते में भेज दी जाती है।
मियाद बड़ी तो ब्याज भी बढ़ेगा
टॉप-अप लोन लेने वाला व्यक्ति यदि इसे लंबे अरसे में चुकाता है तो कर्ज महंगा पड़ सकता है। मान लीजिए कि आपको 5 लाख रुपए की जरूरत है। आप 15त्न ब्याज दर पर पर्सनल लोन लेते हैं और उसे 2 साल में चुकाते हैं तो उस पर 81,000 रुपए ब्याज लगेगा। वहीं 9त्न ब्याज दर पर 5 लाख रुपए का टॉप-अप होम लोन लेते हैं और उसे 10 साल में चुकाते हैं तो उस पर 2.60 लाख रुपए का ब्याज चुकाना होगा। वहीं टॉप-अप होम लोन को यदि 2 साल में ही चुका देते हैं तो केवल 48,000 रुपए ब्याज लगेगा। इसलिए होम लोन टॉप-अप तभी कराएं जब उसे जल्दी चुका सकें। टैक्स छूट
टॉप-अप होम लोन का इस्तेमाल यदि मकान खरीदने, बनाने या मरम्मत कराने पर होता है तो सेक्शन 24(बी) के तहत ब्याज पर टैक्स छूट मिल सकती है।
- यदि मकान में खुद रह रहे हैं तो 2 लाख रुपए तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिल सकती है। मरम्मत कराने पर 30,000 रुपए तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है।
-मकान किराए पर दिया हो तो समूचे ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी। - मकान की खरीद या निर्माण के लिए गए कर्ज पर धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक मूलधन पर टैक्स छूट पा सकते हैं।