राजन कुमार को यह सम्मान परफार्मिंग आर्ट के क्षेत्र में उनके पिछले 25 साल में विशेष योगदान को देखते हुए दिया जा रहा है. उल्लेखनीय हो कि राजन कुमार चार्ली चैपलिन के जैसे ही हुबहू अदाकारी करते हैं. टूथब्रश जैसी मूंछों, बॉलर हैट, बांस की छड़ी और चार्ली चैपलिन जैसी अदाकारी कर राजन कुमार दुनिया भर में अभी तक 5000 से अधिक शो कर चुके हैं. चार्ली चैपलिन की तरह एक्टिंग करने के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है.
किसान परिवार में जन्मे राजन कुमार के हीरो बनने तक का संघर्ष
राजन कुमार मूलरूप से बिहार के मुंगेर जिले के टेटिया बंबर प्रखंड के रहने वाले हैं. किसान परिवार में जन्मे राजन कुमार ने बड़ा संघर्ष कर ये मुकाम हासिल किया है. उन्होंने बताया कि सालों पहले मैं काम की तलाश और एक्टिंग सीखने के लिए बिहार से दिल्ली आया था. जहां मेरे एक दोस्त ने एक रेस्टोरेंट के प्रचार के लिए पम्पलेट बांटने का काम दिलवाया. सामान्य तरीके से मैं किसी को पम्पलेट देता तो लोग बिना देखे ही उसे फेंक दे रहे थे. तो मैंने सोचा कि क्यों न कुछ अलग तरीका अपनाया जाए. इसके बाद मैंने चार्ली चैपलिन अंदाज में लोगों को पम्पलेट देना शुरू किया. इसके बाद लोगों को मेरी अदाकारी पसंद आई.
राजन बोले- आज मैं जो हूं वो अपनी एक्टिंग के दम पर
राजन ने बताया कि दिल्ली की सड़कों से शुरू हुआ ये सिलसिला अभी तक जारी है. आज मैं जो हूं वो अपनी इसी एक्टिंग के दम पर हूं. रेस्टोरेंट के लिए पम्पलेट बांटने के बाद लोग मुझे अलग-अलग जगहों से एक्टिंग के लिए बुलाने लगे. उन्होंने बताया कि मैंने बंदरों से एक्टिंग सीखी. मेरी एक्टिव का सबसे मजबूत पक्ष आंखें है. जो हर परिस्थिति को बंया करती है. राजन कुमार की लोकप्रियता को देखते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें अपना बांड एंबेसडर भी बनाया.
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लोगों ने राजन को दी बधाई, मुंबई लौटने पर मिलेगा एक और सम्मान
राजन कुमार को मिलने वाले इस सम्मान के लिए अनिल काशी मुरारका, पद्मश्री विमल जैन, डॉ पवन अग्रवाल ने शुभकामनाएं दी हैं. राजन कुमार ने यूनिवर्सिटी और इसकी वाइस चांसलर डॉक्टर अनु भंडारी का आभार व्यक्त किया है. डॉ पवन अग्रवाल ने ऐलान किया है कि राजन कुमार जब दिल्ली से डॉक्टरेट की डिग्री लेकर लौटेंगे तो यहां मायानगरी में एक भव्य कार्यक्रम करके उन्हें एजीआई (अग्रवाल ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट) द्वारा सम्मानित किया जाएगा. पटना के विमल जैन, जिन्हें इस साल पद्मश्री से सम्मानित किया गया है, ने कहा कि राजन कुमार ने एक ऐतिहासिक कार्य कर दिया है. उन्हें डॉक्टरेट की डिग्री मिलना दरअसल कला, साहित्य का सम्मान करना है.