दीपावली के दिन गंगोत्री मंदिर के बंद होते हैं कपाट
गंगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा 18वीं शताब्दी के शुरूआत में किया गया था। वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण जयपुर के राजघराने ने किया गया था। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनो के बीच पतित पावनी गंगा मैया के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते हैं। इस साल 22 अप्रैल को गंगोत्री के कपाट खुल रहे हैं। यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते हैं।
गंगा मैया के मंदिर का निर्माण गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा द्वारा 18वीं शताब्दी के शुरूआत में किया गया था। वर्तमान मंदिर का पुनर्निर्माण जयपुर के राजघराने ने किया गया था। प्रत्येक वर्ष मई से अक्टूबर के महीनो के बीच पतित पावनी गंगा मैया के दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु तीर्थयात्री यहां आते हैं। इस साल 22 अप्रैल को गंगोत्री के कपाट खुल रहे हैं। यमुनोत्री की ही तरह गंगोत्री का पतित पावन मंदिर भी अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर खुलता है और दीपावली के दिन मंदिर के कपाट बंद होते हैं।
बदरीनाथ धाम 27 अप्रैल को खुलेगा
बसंत पंचमी के मौके पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित कर दी गई थी। इस साल बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7.10 मिनट पर खोले जाएंगे। कपाट खुलने की तिथि का ऐलान नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में राजपुरोहितों ने किया गया था।
बसंत पंचमी के मौके पर बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित कर दी गई थी। इस साल बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 7.10 मिनट पर खोले जाएंगे। कपाट खुलने की तिथि का ऐलान नरेंद्रनगर स्थित राजदरबार में राजपुरोहितों ने किया गया था।