उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि हम खरीद-फरोख्त को लेकर चिंतित हैं। चंडीगढ़ नगर निगम के पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावत और वार्ड गुरचरणजीत सिंह काला ने दिल्ली पहुंचकर भाजपा का दामन थाम लिया। इसके साथ ही नगर निगम में जीत का समीकरण भाजपा के पक्ष में हो गया है। चंडीगढ़ नगर निगम में मेयर के लिए 19 वोट की जरूरत होती है। आप के तीन पार्षदों के भाजपा में आने के बाद समीकरण पूरा भाजपा के पक्ष में है।
उच्चतम न्यायालय ने जिस तरह से रूख अपनाया हुआ है। इससे भी बड़ा उलटफेर हो सकता है। रविवार को मेयर के इस्तीके बाद माना जा रहा था नए सिरे से चुनाव होंगे लेकिन अदालत ने जो रूख अपनाया है। उसमें अगर तीनों पार्षदों को बाहर कर और आठों पार्षदों को लेकर फिर से चुनाव हुए तो आप-कांग्रेस गठबंधन का प्रत्याशी मेयर बन सकता है।
चंडीगढ़ नगर निगम मेयर चुनाव का बैलेट पेपर और वीडियो उच्चतम न्यायालय ने मंगवा लिए हैं। न्यायालय ने पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह से पूछताछ भी की है। इसमें मसीह ने मान लिया है कि उन्होंने मतपत्रों पर निशान लगाए थे। उच्चतम न्यायालय आज दो बजे चुनाव पूरा वीडियो देखकर फैसला देगी। यह फैसला आप-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में आने की उम्मीद है। अगर ऐसा हुआ तो गठबंधन प्रत्याशी कुलदीप कुमार चंडीगढ़ के नए मेयर होंगे। फिलहाल भाजपा के सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत संधू और डिप्टी मेयर राजिंदर शर्मा पद पर बने हुए हैं। इन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है।
10 जनवरी : प्रशासन ने 18 जनवरी को मेयर चुनाव की अधिसूचना जारी की
15 जनवरी : आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ किया गठबंधन
30 जनवरी : भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर मेयर बने। आप—कांग्रेस गठबंधन को हराया
31 जनवरी : चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का रुख किया। तुरंत राहत नहीं मिली।
5 फरवरी : आप ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने कहा कि पीठासीन अधिकारी ने मतपत्रों को विकृत किया। यह लोकतंत्र की हत्या है। उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। 19 फरवरी को सुनवाई तय।
18 फरवरी : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले मनोज सोनकर ने मेयर पद इस्तीफा दिया। आप के तीन पार्षद भाजपा में शामिल
19 फरवरी : सुप्रीम कोर्ट ने अनिल मसीह को फटकार लगाई। बैलेट पेपर और वीडियो कोर्ट में मंगवाए। 20 फरवरी को फिर सुनवाई तय की।
20 फरवरी : आज दोपहर दो बजे आएगा अंतिम फैसला।