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चंपावत के स्कूल में अचानक चीखने लगी छात्राएं, घबराए अभिभावक बोले दैवीय प्रकोप, शिक्षा विभाग ने कहा मास हिस्टीरिया

उत्तराखंड के कई जिलों के स्कूल बेहद अजीब घटनाएं हो रहीं हैं। चंपावत के एक स्कूल में अचानक छात्राएं चीखने लगी। फिर वो छ़ात्राएं बेहोश हो गईं। यह ऐ ही घटना नहीं है। घबराए अभिभावक बोले दैवीय प्रकोप, शिक्षा विभाग ने कहा मास हिस्टीरिया। अब आप हीं बताएं क्या है मामला।

Dec 29, 2022 / 05:12 pm

Sanjay Kumar Srivastava

चंपावत के स्कूल में अचानक चीखने लगी छात्राएं, घबराए अभिभावक बोले दैवीय प्रकोप, शिक्षा विभाग ने कहा मास हिस्टीरिया

उत्तराखंड में अजीबोगरीब किस्म की घटनाएं प्रकाश में आईं। चम्पावत के अटल उत्कृष्ट जीआईसी स्कूल रीठा साहिब में बुधवार को स्कूल में पढ़ने वाली पांच छात्राएं स्कूल में अचानक चीखने लगी और बेहोश हो गईं। इससे एक दिन पूर्व मंगलवार को मध्यांतर के बाद कक्षाएं चल रही थीं। तभी नौवीं से इंटर तक की 24 छात्राएं एक-एक कर चिल्लाने लगीं। रोने के बाद ये छात्राएं बेहोश हो गईं, पानी पिलाने के बाद उनकी हालत सामान्य हो गई। स्कूल में डर का माहौल बन गया। इस घटना ने छात्रों और उनके परिजनों को बुरी तरह डरा दिया है। घबराए अभिभावक बोले दैवीय प्रकोप, शिक्षा विभाग ने कहा मास हिस्टीरिया। शिक्षा विभाग इसे मास हिस्टीरिया का मामला बता रहा है। शिक्षा विभाग ने स्वास्थ्य विभाग से छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग के लिए कहा है।
चम्पावत में तीसरी घटना

उत्तराखंड के चम्पावत में इस साल जिले के स्कूलों में अचेत होने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले पाटी ब्लॉक में ही रमक और पाटी में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। जीआईसी रमक में 39 छात्राओं को भी ऐसे ही दौरे पड़े थे। मामला बेहद गंभीर है।
शिक्षा विभाग ने कहा, मामला मास हिस्टीरिया

बागेश्वर के राजकीय जूनियर हाईस्कूल रैखोली में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई थी। जिसमें छात्राएं बदहवास हो रही थी। स्कूल के मैदान से लेकर कक्षाओं में अलग-अलग समय में अचानक से चिल्ला कर इधर उधर गिरने लगी थी। बदहवासी में छात्राएं तेज आवाज में कुछ कहने लगी थी। इस मामले का राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया था। इस साल बागेश्वर जिले में भी ऐसे तीन मामले आ चुके हैं। शिक्षा विभाग इसे मास हिस्टीरिया का मामला बता रहा है।
मास हिस्टीरिया क्या होता है जानें

एकीकृत नर्सिंग कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर और मनोचिकित्सक डॉ. रश्मि रावत कहती हैं कि, ये मनोवैज्ञानिक समस्या है। इसमें लोग असामान्य हरकत करते हैं। दूसरे की नकल करते हैं। पहाड़ में ऐसे मामलों में ज्यादातर देव डांगर और झाड़फूंक का सहारा लिया जाता है।
मास हिस्टीरिया के लक्षण जानें

मास हिस्टीरिया में पेट या सिर दर्द, बाल नोंचना, हाथ-पांव पटकना, इधर-उधर भागना, रोना, चिल्लाना, गुस्सा करना, उदास रहना, थोड़ी देर के लिए बेहोश होकर अकड़ जाना, भूख और नींद में कमी आना जैसे लक्षण दिखते हैं। इलाज के लिए जरूरी है कि मरीज को मनोचिकित्सक को दिखाया जाए। हिप्नोथैरेपी के जरिए भी इलाज संभव है।
हवादार जगह पर आराम कराएं – रश्मि रावत

डॉ. रश्मि रावत कहती हैं कि, अगर किसी को दौरा पड़े तो उसे हवादार जगह पर आराम कराएं। हींग और प्याज काटकर सुंघाएं। प्राणायम के अलावा ताड़ासन, भुजंगासन और सिंहासन करें, इससे आराम मिलेगा।
काउंसलिंग और इलाज जरूरी – सीईओ

चंपावत में हुई घटना को लेकर सीईओ जितेंद्र सक्सेना ने कहा कि, रीठा साहिब जीआईसी में दो दिन में 29 छात्राओं और तीन छात्रों को दौरे पड़े हैं। ये दौरे हिस्टीरिया जैसे हैं। छात्र-छात्राओं को समझाने के अलावा काउंसलिंग और इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया गया है।
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