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पहले BJP को हराया, अब जिस पार्टी से बने CM उसी को चुनौती दे रहे Champai Soren

Champai Soren: Ex CM चंपई सोरेन से भाजपा की टिकट पर गणेश महाली बीते दो विधानसभा चुनाव से हार रहे हैं। इस बार गणेश भाजपा छोड़ जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

नई दिल्लीOct 27, 2024 / 07:34 pm

Anish Shekhar

Champai Soren: झारखंड की सरायकेला विधानसभा सीट पर साल 2014 और 2019 में जेएमएम की टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भाजपा के प्रत्याशी गणेश महाली को मात दी थी। अब चंपई सोरेन भाजपा के टिकट पर जेएमएम के प्रत्याशी को चुनौती दे रहे हैं। गणेश महाली जो बीते दो विधानसभा चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़े और चंपई सोरेन से हार गए। इस बार भाजपा छोड़ जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। आइए आंकड़ों से समझते हैं कि चंपई सोरेन की जीत और उनके प्रतिद्वंदियों के हार की कहानी।

1,115 वोटों से गणेश महाली को दी थी शिकस्त

बीते दो विधानसभा चुनाव की बात करे तो साल 2014 के विधानसभा चुनाव में चंपई सोरेन ने 1,115 वोटों से गणेश महाली को हराया था। चंपई सोरेन को 94,746 वोट मिले थे वहीं, गणेश महाली को 93,631 वोट मिले। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में जेएमएम की टिकट से चंपई सोरेन ने भाजपा के प्रत्याशी गणेश महाली को 15,667 वोटों से हराया था। बता दें कि झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में 44 सामान्य, 28 अनुसूचित जनजाति के लिए, 9 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। ईसीआई के मुताबिक मतदाताओं की कुल संख्या 2.6 करोड़ है। जिसमें पुरुष वोटर्स 1.31 करोड़ और महिला मतदाता 1.29 करोड़ हैं। तो युवा मतदाता ( 21 से 25 वर्ष) 66.64 लाख हैं इनमें भी पहली बार अपने मतों का प्रयोग करने वालों की तादाद 11.84 लाख है।

जानिए क्या है समीकरण?

साल 2000 में सरायकेला और खरसावां को पश्चिम सिंहभूम से अलग कर झारखण्ड का 24 वां जिला सरायकेला-खरसावां बनाया गया। सरायकेला के भूगोल की बात करें तो इस जिले की सीमांए पूरब में पूर्वी सिंहभूम, दक्षिण में पश्चिम सिंहभूम, उत्तर में पुरुलिया से मिलती है। यानि अपनी सीमा पश्चिम बंगाल से साझा करता है। सरायकेला-खरसावां जिला में सरायकेला तथा चांडिल नामित दो अनुमंडल तथा कुल नौ प्रखण्ड,अंचल है। सरायकेला, खरसावां, गम्हरिया, राजनगर, कुचाई, चांडिल, ईचागढ़, नीमडीह तथा कुकड़ू है। इसका कुल क्षेत्रफल 2724.55 वर्ग किमी के लगभग है। समुद्र से इसकी ऊंचाई 209 मी से लेकर 178 मी तक है। घने जंगल से आच्छादित, पहाड़ो से घिरी, बलखाती नदियों और नालों से सटी सरायकेला खरकाई नदी के तट पर बसा है। यह जिला अपने में एक अति समृद्ध विरासत को सहेजे काईनाईट, एस्बेस्टस, कवार्ज जैसे बहुमूल्य खनिज से भरा झारखंड का एक महत्वपूर्ण जिला है।
2011 के जनगणना के अनुसार सरायकेला-खरसावां जिला की कुल आबादी 10,65,056 है। जिसमे पुरुषों कि संख्या 5,44,411 तथा महिलाओं की संख्या 5,20,645 है। जनसंख्या की दृष्टि से यह राज्य का 14 वां बड़ा जिला है और देश का 424 वां बड़ा जिला है। साक्षरता के हिसाब से यह देश का 418वां बड़ा जिला है। इसकी साक्षरता दर 68.85 फीसदी है। सरायकेला कि पहचान छऊ नृत्य से भी है। छऊ एक पारंपरिक नृत्य शैली है जिसमे शास्त्रीय नृत्य तथा यहां कि संस्कृति के गूढ़ तत्व निहित है।

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