केंद्रीय गृह मंत्रालय ( Union Home Ministry ) ने एलजी अनिल बैजल द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय पैनल की ओर से पेश रिपोर्ट के आधार पर जांच के ये आदेश दिए हैं। केंद्र के इस फैसले को दिल्ली सरकार ने उत्पीड़न करार दिया है। ताजा अपडेट के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1000 एसी लो फ्लोर बसों ( Low Floor Busses ) की खरीद की गहन जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की है। साथ ही केंद्रीय ब्यूरो को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने को कहा है।
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केजरीवाल सरकार के खिलाफ गहरी साजिश वहीं दिल्ली सरकार ( Delhi Government ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इन आरोपों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। इस मामले की गहन जांच के लिए पहले ही एक कमेटी गठित कर दी गई थी, जिसने दिल्ली सरकार को क्लीन चिट दे दी थी। यह केजरीवाल सरकार के खिलाफ राजनीति से प्रेरित एक साजिश है। भाजपा दिल्ली के लोगों को नई बसें लेने से रोकना चाहती है। सीबीआई का दुरुपयोग दिल्ली सकरार ने अपने बयान में कहा गया है कि केंद्र दिल्ली सरकार को परेशान करने के लिए सीबीआई ( CBI ) का उपयोग पहले भी कर चुकी है। इस प्रयास में केंद्र सरकार को एक बार भी सफलता नहीं मिली है। ऐसा इसलिए कि उनके किसी भी आरोप में कभी कोई सच्चाई नहीं रही है। दिल्ली सरकार बदनामी की राजनीति में विश्वास नहीं करती। वह केवल सुशासन में विश्वास करती है। सुशासन के अपने वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
3 सदस्यीय पैनल को नहीं मिले भ्रष्टाचार के सबूत इससे पहले जानकारी यह सामने आई थी कि एलजी द्वारा नियुक्त पैनल ने बसों की निविदा और खरीद में दिल्ली परिवहन निगम ( DTC ) को क्लीन चिट दे दी थी। लेकिन पैनल ने अपनी रिपोर्ट में बस खरीद को लेकर निर्णय लेने से संबंधित मामले में खामियों का जिक्र जरूर किया है। पैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि बसों की खरीद की निविदा प्रक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं है। समिति को भ्रष्टाचार व आपराधिक कदाचार से संबंधित कोई सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि, बस खरीद में बाजार को समझने के लिए अधिक प्रयास और बोलियों के औचित्य का आकलन करने के लिए उच्च स्तर की उचित परिश्रम की आवश्यकता थी, जिसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।
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