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कोयले की कमी से आखिर क्यों गहरा रही है देश में बिजली की समस्या? केंद्र ने बताएं ये 4 कारण!

Electricity Crisis Due To Coal Shortage: पिछले कुछ दिनों से भारत में कोयले की कमी से बिजली की समस्या और ब्लैकआउट का खतरा मंडरा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने 4 कारण बताएं हैं।

Oct 10, 2021 / 12:07 pm

Tanay Mishra

Electricity Crisis Due To Coal Shortage in India

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से देश में कोयले की कमी ने एक नई समस्या पैदा कर दी है। कोयले के इस कमी के कारण भारत में बिजली की समस्या भी खड़ी हो गई है। दिल्ली में ब्लैकआउट की चेतावनी जारी हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकालने की गुज़ारिश की है। वहीं उत्तर प्रदेश, पंजाब और आंध्र प्रदेश राज्यों में भी कोयले और बिजली की कमी से प्लांट की क्रियाविधि में परेशानी हो रही है। साथ ही देशभर में कई राज्यों में बिजली कटौती की समस्या देखने को मिल रही है।
इसी की चलते अब केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने कोयले की कमी के 4 कारण बताएं हैं। आइए नज़र डालते है इन कारणों पर।

1. कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था :- कोरोना महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में ऊर्जा मंत्रालय ने बताया कि अर्थव्यवस्था को सुधारकर वापस पटरी पर लाने के लिए देशभर में फैक्ट्रियों और प्लांट्स को फिर से बड़े पैमाने पर शुरू किया गया। इससे बिजली का इस्तेमाल और मांग में भी तेज़ी से बढ़ोतरी हुई। देशभर में बिजली की खपत बढ़ गई, जिससे कोयले का इस्तेमाल भी बढ़ा। 2019 में अगस्त-सितम्बर महीने में देश में बिजली की कुल खपत 106.6 बिलियन यूनिट थी। 2021 में यह खपत बढ़कर 124.2 बिलियन यूनिट हो गई है। इस वजह से कोयले की मात्रा में भी कमी देखने को मिल रही है।
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2. बारिश से कोयला उत्पादन पर असर :- इस साल बारिश की वजह से भी कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है। सितम्बर महीने में हुई बारिश जिसकी उम्मीद नहीं थी, उस वजह से जगह-जगह कोयले की खदानों में पानी भर गया। इस वजह से कोयले के उत्पादन पर बुरा असर पड़ा, जिससे कोयले की कमी देखने को मिल रही है।
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3. कोयले के आयात मुल्य में बढ़ोतरी :- पिछले कुछ समय से कोयले को बाहरी देशों से आयात करने की कीमत में काफी बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में कोयले का आयात कम हुआ और देश में कोयले की ज़रूरत के लिए घरेलू कोयले के स्त्रोतों पर निर्भरता बढ़ी है। इस वजह से भी कोयले की मात्रा में पिछले कुछ समय से कमी देखने को मिली है।
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4. मानसून की शुरुआत में कोयले का पर्याप्त स्टॉक जमा नहीं कर पाना :- बारिश के मौसम में कोयले के उत्पादन में परेशानी होती है। ऐसे में कोशिश यहीं रहती है कि मानसून शुरू होने से पहले ही कोयले का पर्याप्त स्टॉक जमा कर लिया जाए। पर इस साल ऐसा नहीं हो पाया। मानसून से पहले कोयले का पर्याप्त स्टॉक जमा नहीं हो पाया, साथ ही मानसून शुरू होने के बाद बारिश की वजह से भी कोयले के उत्पादन में कमी आई। इस वजह से पिछले कुछ समय से देश में कोयले की समस्या देखने को मिल रही है।
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