इस पोर्टल का फायदा यह होगा कि इसके जरिए कोविड-19 ( Covid-19 ) से जान गंवाने वाले मरीजों के परिजान मुआवजे के लिए दावा कर सकेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को मुआवजे की योजना के प्रचार को तेज करने की सलाह दी है।
यह भी पढ़ेँः Omicron Variant: दक्षिण अफ्रीका से महाराष्ट्र पहुंचा शख्स निकला कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप देश की सर्वोच्च अदालत को केंद्र सरकार को कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले परिजनों को मुआवजा देने संबंधी अहम जानकारी दी है। सोमवार को सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि जल्द ही मुआवजे के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार होगा, जिसमें दावेदार अपना दावा कर सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक ऐसा सिस्टम तैयार होना चाहिए, जहां पर लोग मुआवजे के लिए ऑनलाइन दावा कर सकें। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना समेत कई राज्यों को नोटिस जारी कर इससे संबंधित हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
यही नहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि लोगों को पता ही नहीं है कि अधिकारी कौन है? इसलिए आपको मुआवजे के लिए पोर्टल बनाना चाहिए। मुआवजे के लिए ऑनलाइन व्यवस्था होगी, तो लाभार्थियों की संख्या भी बढ़ेगी। ऐसे में लाभार्थियों को संबंधित अधिकारी के पास पहुंचने में भी दिक्कतें आ सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुत से लोग हैं, जिन्होंने कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से अपनों को खो दिया। ऐसे लोगों को अभी भी मुआवजे की योजना के बारे में जानकारी नहीं है। ऐसे में सरकारों को व्यापक प्रचार करना चाहिए।
ग्रामीणों को आती हैं कई दिक्कतें
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में भी कई लोगों ने अपनो खोया है। लेकिन यहां लोगों के लिए मुख्यालय तक पहुंचकर योजना का लाभ लेना काफी मुश्किल है। इसके अलावा बिचौलियों को भी डर बना रहता है। ऐसे में इन लोगों का भी सोचना होगा।
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में भी कई लोगों ने अपनो खोया है। लेकिन यहां लोगों के लिए मुख्यालय तक पहुंचकर योजना का लाभ लेना काफी मुश्किल है। इसके अलावा बिचौलियों को भी डर बना रहता है। ऐसे में इन लोगों का भी सोचना होगा।
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कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल के साथ भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं उन पर भी विचार हो।
– जैसे केरल ने ऑनलाइन पोर्टल बनाया है, लेकिन नाबालिग कैसे उस पर आवेदन करेगा और उनका क्या जिन्होंने माता पिता दोनों को खोया है।
– एक बात बहुत ही चौंकाने वाली बात यह है कि आंध्र प्रदेश ने एक समिति बनाई है, जबकि हम इसके खिलाफ थे।
– गुजरात में चौंकाने वाली बात ये है कि लाभार्थियों की संख्या कम है।
– SC ने नाराजगी जताते हुए कहा कि असम, बिहार, चंडीगढ़, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, झारखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा ने मुआवजे को लेकर उचित जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई। जो चिंता जनक है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने सितंबर में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोरोना से जान गंवाने वाले के परिजनों को 50 हजार रुपए का मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाएगा।
कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल के साथ भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं उन पर भी विचार हो।
– जैसे केरल ने ऑनलाइन पोर्टल बनाया है, लेकिन नाबालिग कैसे उस पर आवेदन करेगा और उनका क्या जिन्होंने माता पिता दोनों को खोया है।
– एक बात बहुत ही चौंकाने वाली बात यह है कि आंध्र प्रदेश ने एक समिति बनाई है, जबकि हम इसके खिलाफ थे।
– गुजरात में चौंकाने वाली बात ये है कि लाभार्थियों की संख्या कम है।
– SC ने नाराजगी जताते हुए कहा कि असम, बिहार, चंडीगढ़, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, झारखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा ने मुआवजे को लेकर उचित जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई। जो चिंता जनक है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने सितंबर में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोरोना से जान गंवाने वाले के परिजनों को 50 हजार रुपए का मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाएगा।