सरकार ने किया पलटवार
प्रधानमंत्री की जाति पर राहुल गांधी के बयान के संबंध में सरकार ने कहा कि मोध घांची जाति गुजरात सरकार की सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग और ओबीसी सूची में शामिल है। गुजरात में मंडल आयोग ने सूचकांक 91 (A) के तहत ओबीसी की एक सूची तैयार की। इसमें मोध घांची जाति भी शामिल थी। भारत सरकार की गुजरात के लिए 105 ओबीसी जातियों की सूची में मोध घांची भी शामिल हैं।
सरकार ने राहुल को यह भी याद दिलाया है कि उप-समूह को ओबीसी की सूची में शामिल करने की अधिसूचना 25 जुलाई, 1994 को जारी की गई थी। साथ ही सरकार ने कहा कि भारत सरकार की 4 अप्रैल, 2000 की अधिसूचना के अनुसार उसी उप-समूह को ओबीसी सूची में शामिल किया गया था। जब दोनों अधिसूचनाएं जारी की गईं तो नरेंद्र मोदी सत्ता में नहीं थे। न ही वह कोई कार्यकारी कार्यालय संभाल रहे थे। प्रधानमंत्री की जाति पर राहुल गांधी का तंज ऐसे समय आया है जब सरकार और विपक्ष राष्ट्रीय जाति जनगणना को लेकर झगड़ रहे हैं।
राहुल गांधी ने खाई ये कसम
राहुल गांधी ने कसम खाई कि अगर कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीतती है तो वह देश भर में जाति जनगणना कराएंगे और आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेशित 50 प्रतिशत की सीमा को हटा देंगे। राहुल गांधी ने सोमवार को मोदी पर हमला करते हुए कहा कि जब ओबीसी, दलितों, आदिवासियों को अधिकार देने का समय आता है, तो मोदीजी कहते हैं कि कोई जाति नहीं है। वहीं जब वोट पाने का समय आता है, तो वे कहते हैं कि वह ओबीसी हैं।
‘जवाहरलाल नेहरू थे आरक्षण विरोधी’- पीएम
प्रधानमंत्री ने बुधवार को राज्यसभा में एक भाषण के दौरान जवाब दिया। पीएम ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के दिग्गज और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू आरक्षण का समर्थन नहीं करते थे। नेहरूजी कहते थे कि अगर एससी, एसटी या ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा। उन्होंने भर्ती भी बंद कर दी। नेहरू ने जो कहा, वह तब से कांग्रेस के लिए पत्थर की लकीर बन गया है। ऐसे उदाहरणों से उनकी मानसिकता को समझा जा सकता है।
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