राष्ट्रीय

Census: भारत के इतिहास में पहली बार समय पर नहीं हुई जनगणना, अब 12000 करोड़ रुपए का आएगा खर्चा, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Census Of India: Census : कोविड-19 के कारण स्वतंत्र भारत के इतिहास में 2021 में पहली बार समय पर जनगणना नहीं हुई। यहां तक कि दूसरे विश्व युद्ध और चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भी जनगणना नहीं रुकी थी।

नई दिल्लीOct 26, 2024 / 07:47 am

Akash Sharma

Census Of India

Census Of India: कोविड-19 के कारण स्वतंत्र भारत के इतिहास में 2021 में पहली बार समय पर जनगणना नहीं हुई। यहां तक कि दूसरे विश्व युद्ध और चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान भी जनगणना नहीं रुकी थी। पिछली जनगणना 2011 में होने के 10 साल बाद 2021 में जनगणना होनी थी, लेकिन कोविड 19 महामारी (Covid 19) के कारण इसे आगे टालना पड़ा। बाद मे लोकसभा चुनाव की तैयारियों में मशीनरी उलझ गई तो तय हुआ कि चुनाव के बाद जनगणना करवाई जाएगी। अब 2025 में सरकार जनगणना कराने जा रही है।
Census 2021

मृत्युंजय नारायण कराएंगे जनगणना

भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त के रूप में कार्यरत मृत्युंजय कुमार नारायण की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति अगस्त 2026 तक बढ़ा दी गई है। इससे साफ हो गया है कि उनके नेतृत्व में ही देश में जनगणना होगी। नारायण 1995 बैच के यूपी काडर के अधिकारी हैं।

दो चरणों में होगी जनगणना

पहले चरण में मकानों का सूचीकरण होगा। इसके बाद राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीकरण पर कार्य आगे चलेगा। हर व्यक्ति को एक आईडी नंबर दिया जाएगा। इस नंबर से ही व्यक्ति का जनगणना में रेकॉर्ड दर्ज होगा।
Census 2021 Questions
Census 2021 Questions

पूछे जाएंगे 30 से अधिक सवाल

जनगणना के दौरान परिवारों से 30 सवाल पूछे जाएंगे, इनमें मुख्य सवाल ये हैं-

– मुखिया का नाम, कुल सदस्यों की संख्या

-मुखिया किस समुदाय से है
-स्त्री-पुरुष की संख्या, दंपती के बच्चों की संख्या

– खुद का घर है या नही?

-कमरों की संख्या?

– घर में शौचालय

-घर में किस प्रकार का वाहन

– माेबाइल, टेबलेट, कंप्यूटर, रेडियो, टीवी आदि संचार साधन
– प्रमुख खाद्यान्न क्या है

– घर में इंटरनेट की सुविधा है या नहीं

12000 करोड़ रुपये खर्च हाेंगे

जनगणना पर 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आने की संभावना है। 2019 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8,754 करोड़ की लागत से 2021 की प्रस्तावित जनगणना और 3,941 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। चूंकि 2021 के बजाए अब 2025 में जनगणना होनी है, ऐसे में बढ़ी हुई महंगाई को देखते हुए खर्च पहले से ज्यादा खर्च होगा।
ये भी पढ़ें: ‘वे खुद शराब पीते हैं’, जीतन राम मांझी ने Tejashwi Yadav पर लगाया आरोप

Hindi News / National News / Census: भारत के इतिहास में पहली बार समय पर नहीं हुई जनगणना, अब 12000 करोड़ रुपए का आएगा खर्चा, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.