इस शख्स का दावा है कि सबसे पहले हादसे के बाद दो लोगों को रेस्क्यू किया गया। इनमें से एक सीडीएस जनरल बिपिन रावत थे, जबकि दूसरे शख्स की पहचान उस दौरान नहीं हो पाई थी। रावत ने खुद अपना नाम बताया था, जिसे बचावकर्मी ने सुना।
यह भी पढ़ेँः CDS Bipin Rawat समेत सभी के पार्थिव शरीर आज लाए जाएंगे दिल्ली, रक्षा मंत्री संसद में देंगे बयान हादसे के बाद वहां राहत और बचाव के लिए पहुंची टीम में शामिल एन सी मुरली नाम के बचावकर्मी ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने बताया कि हैलिकॉप्टर क्रैश के बाद सीडीएस रावत होश में थे। मुरली के मुताबिक ‘हमने 2 लोगों को जिंदा बचाया, जिनमें से एक सीडीएस बिपिन रावत थे।
उन्होंने धीमी आवाज में अपना नाम बताया। उनकी मौत अस्पताल जाते वक्त रास्ते में हुई। हम उस वक्त जिंदा बचाए गए दूसरे शख्स की पहचान नहीं कर सके। जनरल रावत के साथ जिन अन्य शख्स को निकाला गया था, बाद में उनकी पहचान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के रूप में हुई। ग्रुप कैप्टन हादसे में जिंदा बचे एकमात्र व्यक्ति हैं। उनका अभी इलाज चल रहा है और हालत नाजुक बताई जा रही है।
शरीर का निचला हिस्सा बुरी तरह जल गया था
बचावकर्मी मुरली के मुताबिक हादसे के बाद सीडीएस रावत के शरीर के निचले हिस्से बुरी तरह जल गए थे। इसके बाद उन्हें एक बेडशीट में लपेट कर एंबुलेंस में ले जाया गया था।
बचावकर्मी मुरली के मुताबिक हादसे के बाद सीडीएस रावत के शरीर के निचले हिस्से बुरी तरह जल गए थे। इसके बाद उन्हें एक बेडशीट में लपेट कर एंबुलेंस में ले जाया गया था।
बता दें कि मुरली फायर सर्विस टीम में शामिल थे। जो राहत टीम वहां पहुंची थी मुरली उसका हिस्सा थे।
मुरली के मुताबिक जलते विमान के मलबे को बुझाने के लिए फायर सर्विस इंजन को वहां तक ले जाने में भी कड़ी मशक्कत करना पड़ी। क्योंकि वहां तक ले जाने के लिए सड़क नहीं थी।
मुरली के मुताबिक जलते विमान के मलबे को बुझाने के लिए फायर सर्विस इंजन को वहां तक ले जाने में भी कड़ी मशक्कत करना पड़ी। क्योंकि वहां तक ले जाने के लिए सड़क नहीं थी।
यह भी पढ़ेंः स्मृति शेष : फौजी सीमा की सुरक्षा करता है, पत्रकार लोकतंत्र की – बिपिन रावत ऐसे में वे आसपास के घरों और नदियों से पानी लाकर इस आग को बुझाने की कोशिश कर रहे थे। मुरली ने बताया यह ऑपरेशन काफी मुश्किल था। घटनास्थल के आस-पास काफी पेड़ होने के कारण बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रहीं थीं। इसके चलते रेस्क्यू में देरी भी हुई।
बचावकर्मियों को 12 लोगों के शव मिले थे। जबकि दो लोगों को जिंदा बचाया गया था। हालांकि जिंदा बचे दोनों लोग बुरी तरह झुलसे हुए थे।