Income Tax का नाम बदला जाए
चैंबर ऑफ ट्रेड इंडस्ट्री (CTI) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जो पत्र भेजा है। उसमें सबसे खास मांग इनकम टैक्स से जुड़ी हुई है। CTI ने मांग की है कि इनकम टैक्स का नाम बदलकर ‘राष्ट्र निर्माण सहयोग निधि’ रखा जाए। पत्र में कहा गया है कि अगर ये नाम रखा जाता है, तो फिर इनकम टैक्स को लेकर लोगों की भावनाओं पर असर होगा और लोग ज्यादा से ज्यादा टैक्स देने के लिए प्रेरित होंगे।
छूट की सीमा को बढ़ा कर 9 लाख किया जाए
CTI ने मिडिल क्लास टैक्सपेयरों के हित की बात करते हुए वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि 9 साल से इनकम टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये ही बनी हुई है। इसे 7 लाख कर देना चाहिए। इससे मिडिल क्लास के उन करोड़ों टैक्स पेयर्स को लाभ होगा, जिन्हें टैक्स न होने के बावजूद रिटर्न जमा कराना पड़ता है।
सस्ती दरों पर मिले बिजनेस लोन
चैंबर ऑफ ट्रेड इंडस्ट्री ने अपनी अन्य मांगों में सस्ती ब्याज दर पर लोन मुहैया कराने की मांग की है। इस पत्र में कहा गया है कि कार्पोरेट्स और बड़ी कंपनियों को बैंक लोन (Bank Loan) सस्ती ब्याज दर से मिल जाता है, लेकिन मिडिल क्लास और छोटे व्यापारियों के लिए केंद्र सरकार मुद्रा योजना (Mudra Yojna) संचालित कर रही है, उसमें उनको कहीं ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है। CTI ने मांग करते हुए कहा है कि मिडिल क्लास और छोटे व्यापाकिरों को भी सस्ती ब्याज दरों पर लोन मिलना चाहिए।
वित्तमंत्री को लिखे पत्र में CTI की अन्य मांगें-
- -पिछले कुछ सालों से मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम (Medical Insurance) तेजी से बढ़ा है जिससे मध्यम वर्ग को भारी परेशानी हो रही है।
- – GST की नई एमनेस्टी स्कीम का लाभ उन सभी व्यापारियों को भी मिलना चाहिए, जो पहले ही ब्याज, टैक्स और पेनाल्टी जमा करा चुके हैं।
- – Income Tax में भी GST की तरह हाइब्रिड सिस्टम होना चाहिए।
- – आम जरूरत की बहुत सारी चीजों पर अभी भी 28 फीसदी और 18 फीसदी की दर से GST लगता है। GST की दरों को तर्कसंगत बनाने संबंधी ऐलान बजट में किए जाएं।
- – केंद्र सरकार को व्यापारियों और उद्यमियों के लिए ट्रेड एंड इंडस्ट्री डेवलपमेंट बोर्ड का गठन करना चाहिए।