Budget 2024: दिल मांगे मोर… आम लोग, किसान, मजदूर, युवा, महिला और कारोबारियों को ये खास उम्मीदें
Budget 2024: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संकेत दे चुकी हैं कि बजट में महिलाओं, किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर रह सकता है।
Budget 2024: संसद का बजट सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे संसद सत्र के 12 अगस्त तक चलने की संभावना है। सत्र में 22 दिनों की अवधि के दौरान 16 बैठकें होंगी। सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी मुद्दों पर खुले दिल से चर्चा के लिए तैयार रहने की बात कहते हुए विपक्षी दलों को नसीहत भी दी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संकेत दे चुकी हैं कि बजट में महिलाओं, किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों पर जोर रह सकता है। कर्मचारी से लेकर कारोबारी और विद्यार्थी समेत हर वर्ग के लोग बजट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
दिल मांगे मोर… हर वर्ग को राहत की चाह
आम लोगों को…
- होम लोन पर ब्याज के लिए कटौती की सीमा को बढ़ाकर कम से कम 3 लाख रुपए करने की मांग।
- सबके लिए नई आवास योजना की उम्मीद, सामाजिक खर्च में वृद्धि का अनुमान।
नौकरीपेशा को…
- कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आयकर छूट सीमा में बदलाव करेगी। इससे मध्य वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को खासा लाभ होगा।
- महंगाई बढऩे के कारण पुरानी और नई आयकर व्यवस्था में स्टैंडर्ड डिडक्शन को मौजूदा 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने की मांग।
- न्यू पेंशन स्कीम को ज्यादा आकर्षक बनाया जा सकता है, जिसको लेकर अभी सरकारी कर्मचारी नाखुश हैं।
किसानों को…
- सरकार किसान सम्मान निधि सालाना 6,000 रुपए से बढ़ाकर 10-12 हजार रुपए कर सकती है।
- कृषि उत्पादों पर जीएसटी की दरों को कम करने का फैसला हो सकता है।
मजदूरों को…
- मनरेगा के तहत मजदूरी दिवस को 100 से बढ़ाकर 150 दिन किया जा सकता है।
- मनरेगा मजदूरों को कृषि क्षेत्र के साथ जोडऩे का फैसला किया जा सकता है।
युवाओं को…
- सरकार पर सबसे ज्यादा दबाव रोजगार के अवसर पैदा करने का है। स्किल डेवलपमेंट और रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों का बजट आवंटन बढऩे की संभावना है।
- अग्निवीर जैसी योजना में सैनिकों को ज्यादा वित्तीय लाभ देने का ऐलान किया जा सकता है।
महिलाओं को…
- रसोई गैस से लेकर स्वास्थ्य सेवाओं तक सब्सिडी दी जा सकती है।
- महिलाओं को टैक्स छूट देने पर भी विचार हो सकता है।
- महिला भूमि मालिक किसानों को दी जाने वाली वार्षिक रकम हो सकती है 12,000 रुपए।
कारोबारियों को…
- राष्ट्रीय खुदरा कारोबार नीति के तहत 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा मिलने की उम्मीद। इसके लिए सिर्फ 6,000 रुपए प्रीमियम के कयास।
- सरकार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआइ) का दायरा बढ़ा सकती है। इसके दायरे में कपड़ा, आभूषण और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं।
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