देखिये लेखा जोखा
बजट अनुमानों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में केंद्र की शुद्ध कर प्राप्तियां 25.83 लाख करोड़ रुपये, कर-भिन्न प्राप्तियां लगभग 5.46 लाख करोड़ रुपये तक रहेंगी तथा पूंजी प्राप्तियां 16.91 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। पूंजी गत प्राप्तियों में उधार और अन्य देयताताओं के मद में प्राप्तियां 16.13 लाख करोड़ रुपये अनुमानित हैं। विनिवेश से 50 हजार करोड़ रुपये प्राप्त होने का अनुमान है, जो अंतरिम बजट के अनुमान के बराबर है। पिछले वित्त वर्ष में विनिवेश से 33122 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक रहने की संभावना
सरकार की वित्तीय स्थिति को और मजबूत बनाने की राह पर आगे और प्रगति का विश्वास जताते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक रहने की संभावना है। उन्होंने कहा चालू वित्त वर्ष में सरकार दिनांकित प्रतिभूतियों के माध्यम से बाजार से सकल 14.01 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटायेगी। वर्ष के दौरान जुटाया गया कर्ज शुद्ध रूप में 11.63 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि 2021 में उन्होंने राजकोष को मजबूत बनाने की जो वृहद योजना प्रस्तुत की, उससे अर्थव्यवस्था की बहुत अच्छी सेवा हुई है, और सरकार अगले वर्ष घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखेगी। बुनियादी आर्थिक, सामाजिक और अनुसंधान एवं विकास ढांचे को बढ़ाने की योजनाओं के साथ बजट में 11 लाख 11,111 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है जो जीडीपी के 3.4 प्रतिशत के बराबर है। पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों के अनुसार 2023-24 में पूंजीगत व्यय 9.49 लाख करोड़ रुपये था। पूंजीगत व्यय के लिये राजस्व खाते से दिये गये अनुदानों को जोड़ दें, तो वर्ष के दौरान प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.02 लाख करोड़ रुपये तक रहेगा।
किस मंत्रालय को कितना मिला
राजनाथ सिंह के रक्षा मंत्रालय को 4 लाख 54 हजार 773 करोड़ रुपये।शिवराज सिंह चौहान के ग्रामीण विकास मंत्रालय को बजट में 2 लाख 65 हजार 808 करोड़ और कृषि मंत्रालय को 1 लाख 51 हजार 151 करोड़ रुपये।
अमित शाह के मंत्रालय होम मिनिस्ट्री को 1 लाख 50 हजार 983 करोड़ रुपये।
शिक्षा मंत्रालय को 1 लाख 25 हजार 638 करोड़ रुपये।
संचार और सूचना तकनीक मंत्रालय को 1 करोड़ 16 लाख 342 रुपये।
स्वास्थ्य मंत्रालय की बात करें तो इस मंत्रालय के खाते में 89 हजार 287 करोड़ रुपये।
ऊर्जा मंत्रालय को 68 हजार 769 करोड़ रुपये।
सामाजिक कल्याण मंत्रालय को 56 हजार 501 करोड़ रुपये।
कॉमर्स और उद्योग मंत्रालय को 47 हजार 559 करोड़ रुपये।