संसद परिसर में हुई बैठक में सिद्धारमैया ने कृषि, जल संसाधन और शहरी बुनियादी ढांचे सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई प्रमुख हस्तक्षेपों पर जोर दिया। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ विकास मंत्री बिरथी सुरेश भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नाबार्ड ने कर्नाटक के लिए अल्पकालिक कृषि ऋण सीमा में भारी कटौती की है, जो 2023-24 में ₹5,600 करोड़ से घटकर 2024-25 में केवल ₹2,340 करोड़ रह गई है, जो 58 प्रतिशत की कटौती है, जिससे किसानों की सॉफ्ट लोन तक पहुँच पर गंभीर असर पड़ सकता है।
सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री को दिए गए ज्ञापन में कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इस पर गौर करें और वित्त मंत्रालय को इस स्थिति को सुधारने का निर्देश दें, ताकि कर्नाटक के किसानों को सॉफ्ट कृषि लोन मिलना जारी रहे।” उन्होंने अपर भद्रा परियोजना के लिए 5,300 करोड़ रुपये मांगे, जो मध्य कर्नाटक के सूखाग्रस्त कृषि भूमि की सिंचाई का वादा करती है। यह परियोजना 2023-24 के केंद्रीय बजट के बाद से लंबित है। उन्होंने दो महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं – कावेरी नदी पर मेकेदातु संतुलन जलाशय और महादयी नदी पर कलसा बंडूरी परियोजना – को मंजूरी देने के लिए भी जोर दिया, दोनों ही जल शक्ति और पर्यावरण मंत्रालयों से मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।