बताते चले कि आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वालीं द्रौपदी मुर्मू छह साल एक महीने तक झारखंड की राज्यपाल रही हैं। मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर की रहने वाली हैं। मुर्मू 64 साल की हैं। उनके नाम की घोषणा करते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर हमलोगों के बीच पूर्वी भारत से किसी को मौका देने पर सहमति बनी थी। जिसके बाद करीब 20 नामों पर चर्चा हुई। इन सभी नामों पर चर्चा के बाद द्रौपर्दी मुर्मू के नाम का ऐलान किया गया।
बताते चले कि आज ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों की ओर से संयुक्त उम्मीदवार के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है। बताते चले कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। विपक्षी उम्मीदवार के रूप में सिन्हा के नाम की घोषणा के बाद अगले राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को मतदान होना अब तय माना जा रहा है।
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राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया जारी है। 29 जून नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है। बता दें कि एनडीए की ओर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार कौन होंगे इसको लेकर इस समय दिल्ली में बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में पीएम मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी सहित कई बड़े नेता मौजूद थे।
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राजनीतिक जीवन की बात की जाए तो द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। पार्षद से वो आगे बढ़ते-बढ़ते मंत्री और राज्यपाल तक बनी। साल 2000 में वह ओडिशा सरकार में मंत्री बनीं। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की रायरंगपुर से दो बार विधायक रहीं।
2007 में नीलकंड पुरस्कार से सम्मानित की गई मुर्मू-
द्रौपदी मुर्मू के कामकाज को देखते हुए उन्हें साल 2007 में ओडिशा विधानसभा द्वारा साल के सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके पास ओडिशा सरकार में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभालने का अनुभव है।
2015 में झारखंड की राज्यपाल बनी थी द्रौपदी मुर्मू-
द्रौपदी मुर्मू BJP की ओडिशा इकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष भी रहीं।द्रौपदी मुर्मू 18 मई 2015 को झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनाई गई थीं और 12 जुलाई 2021 तक इस पद पर रहीं। अगर, वह राष्ट्रपति के लिए चुनी जाती हैं तो आजादी के बाद पैदा होने वाली पहले राष्ट्रपति भी होंगी। बता दें कि द्रौपदी मुर्मू को अब एनडीए की ओर से राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बनाए जाने के उन्हें देश के शीर्ष पद तक पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला के रूप में माना जा रहा है।