विशेष राज्य का दर्जा अब एक जुमला
विजय सिन्हा ने मुख्यमंत्री को निशाने पर लेते हुए कहा कि विशेष राज्य का दर्जा अब एक जुमला बन गया है। ये विशेष राज्य का दर्जा मांगते हैं, लेकिन इनका असली निशाना सत्ता में काबिज रहना है। बिहार में आजादी के पहले और बाद में डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था। उस कालखंड से राज्य में अब संरचनात्मक विकास हुआ, लेकिन आज स्थिति उलट है।
भ्रष्टाचार के कारण राज्य का खजाना खाली हो गया
इसके साथ ही विजय सिन्हा ने राज्य की महागठबंधन पर सूबे में भ्रष्टाचार को बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण राज्य का अपना खजाना खाली हो गया है। जनता की गाढ़ी कमाई को ये लुटा रहे हैं। सभी योजनाओं में बढ़ाचढ़ा कर प्राक्कलन बनाकर राशि निकासी कर सत्ताधारी नेता और अधिकारी लाभान्वित हो रहे हैं।
जंगलराज फिर सिर चढ़ कर बोल रहा
सिन्हा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार के नाम पर बीमारू बिहार ही उपलब्धि है। 1990 के दशक का जंगलराज फिर सिर चढ़ कर बोल रहा है। राज्य सरकार अपने संसाधन को लूट के लिए खुला छोड़ दिया है। सभी विभागों में कमीशन का राज कायम कर दिया गया है। अब इससे पेट नहीं भर रहा है तो ये विशेष राज्य के जरिए और धन लूटने की योजना बना रहे हैं। राज्य के खजाना लूटने बालों के केंद्र के खजाने को लूटने का सपना राज्य की जनता साकार नहीं होने देगी।
राज्य सरकार ने केंद्र को NOC क्यों नहीं भेजा
वहीं, बिहार विधान परिषद के नेता विरोधी दल हरि सहनी का कहना है कि नीतीश कुमार बिहार का विकास करना चाहते हैं या फिर से कुर्सी पाना चाहते हैं उन्हें यह तय करना होगा। केंद्र सरकार ने अभी तक जो राशि दी है उसका NOC सरकार ने केंद्र को नहीं भेजा है। कई परियोजनाएं जमीन की वजह से लटकी हुई है चाहे एम्स हो या अन्य परियोजना।