ऐसे पकड़ा गया फर्जीवाड़ा
लिखित परीक्षा में अभ्यर्थी ने दूसरे व्यक्ति को अपनी जगह बैठाकर परीक्षा दिलवाई थी। उस फर्जी परीक्षार्थी का थंब इम्प्रेशन और बायोमेट्रिक रिकॉर्ड कर लिया गया। PET परीक्षा में वास्तविक अभ्यर्थी (मोहन कुमार) ने हिस्सा लिया, लेकिन बायोमेट्रिक मिलान के दौरान पकड़ में आ गया।
गर्दनीबाग थाने में केस दर्ज
परीक्षा प्रक्रिया में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन लागू किया गया है। लिखित परीक्षा से लेकर PET तक सभी चरणों में सख्त निगरानी रखी जा रही है। गर्दनीबाग थाने में इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि मोहन कुमार की जगह लिखित परीक्षा देने वाला स्कॉलर कौन था और वह कहां से आया था। इस रैकेट से जुड़े अन्य व्यक्तियों का भी पता लगाया जा रहा है।
फर्जीवाड़े में बड़ी रकम का लेन-देन
सिपाही भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा में फर्जीवाड़े का मामला और गहराता जा रहा है। गिरफ्तार आरोपी मोहन कुमार ने पुलिस को दिए बयान में खुलासा किया कि उसने लिखित परीक्षा में अपनी जगह परीक्षा दिलवाने के लिए डेढ़ लाख रुपये दिए थे। स्कॉलर की तलाश में जुटी पुलिस
मोहन कुमार ने यह खुलासा तो किया कि उसने डेढ़ लाख रुपये में किसी स्कॉलर को परीक्षा दिलवाई, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि स्कॉलर कौन था। इससे फर्जीवाड़े में शामिल बड़े गिरोह की संभावना को बल मिला है।
बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती PET में फर्जीवाड़ा: तीन फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार
केंद्रीय चयन पर्षद बिहार (CSBC) द्वारा बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) का आयोजन किया जा रहा है। यह परीक्षा 9 दिसंबर से शुरू होकर 10 मार्च तक चलेगी। परीक्षा के आयोजन स्थल पर अब तक तीन फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा गया है, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। परीक्षा का स्थान और समय
परीक्षा पटना के शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च विद्यालय (पटना हाई स्कूल), गर्दनीबाग में सुबह 7 बजे से आयोजित की जा रही है। लिखित परीक्षा में सफल 1,07,000 अभ्यर्थी शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। अब तक तीन फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए हैं, जो PET परीक्षा में वास्तविक अभ्यर्थियों के स्थान पर भाग लेने आए थे। इन परीक्षार्थियों को बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के दौरान पकड़ा गया।
फर्जी परीक्षार्थियों के खिलाफ मामला दर्ज कर भेजा जेल
गिरफ्तार फर्जी परीक्षार्थियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। पुलिस फर्जीवाड़े के इस रैकेट से जुड़े अन्य व्यक्तियों और गिरोह की जांच में जुटी हुई है। PET में बायोमेट्रिक मिलान और अन्य सुरक्षा प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं। पकड़े गए फर्जी परीक्षार्थियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ इस रैकेट में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है।