पुलिस का कहना है कि इनके कब्जे से कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं, जिनसे पता चलता है कि दोनों आतंकी वर्ष 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने और मुगलों का राज फिर से स्थापित करने की दिशा में काम कर रहे थे। इनके तार कई देशों से जुड़े होने की बात भी सामने आ रही है और कहा जा रहा है कि पाकिस्तान समेत कई देश से फंडिंग भी होती थी। पुलिस ने बताया है कि यह दोनों संदिग्ध आतंकवादी पिछले कुछ समय से पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में आतंक की ट्रेनिंग दे रहे थे।
बताया जा रहा है कि ये दोनों देश के कई हिस्सों में घूम-घूम कर शिक्षित और गुमराह युवकों को आतंकी प्रशिक्षण देने का काम किया करते थे। ये दोनों मार्शल आर्ट के नाम पर हथियार चलाने का ट्रेनिंग कैंप चला रहे थे। पुलिस का मानना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल समेत देश के कई हिस्सों में इनके द्वारा आतंकी मुहिम चलाई जा रही थी। इनका मुख्य उद्देश्य हिंदुओं के खिलाफ मुस्लिमों को भड़काना था।
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को 6 और 7 जुलाई को जानकारी मिली कि फुलवारी शरीफ इलाके में मोहम्मद जलालुद्दीन के मकान स्थित PFI और SDPI के कार्यालय में मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा के नाम पर देश विरोधी अस्त्र-शस्त्रों की ट्रेनिंग देने के साथ-साथ धार्मिक उन्माद फैलाने जैसी गतिविधियां हो रही हैं और आतंकी मॉड्यूल संचालित किया जा रहा है। जिसके बाद 11 जुलाई को नया टोला इलाके में पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने छापेमारी की और दोनों को गिरफ्तार किया। बिहार से आतंकियों के दबोचे जाने के बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में कई और खुलासे होने की आशंका जताई जा रही है।