कहां गिरे पत्थर?
वहीं रविवार रात को कटिहार के मनीहरी वार्ड नंबर 10 में बसे देव सिंह के घर पर एक अजीब घटना घटी। रात करीब 11 बजे, एक पत्थर तेज आवाज के साथ घर की छत पर गिरा। इसके बाद घर में धुआं भर गया, जिससे सभी परिवार के सदस्य घबराकर बाहर आ गए।बिहार में आसमान से गिरे रहस्मय ‘पत्थर’
सुबह जब उन्होंने आंगन में देखा, तो वहां अजीब-सी नारंगी रंग की पत्थर की टुकड़े बिखरे हुए थे। मोहल्ले के बच्चों ने खेलते हुए उन टुकड़ों में से एक को अपनी जेब में रख लिया, लेकिन अचानक वह टुकड़ा जलने लगा, जिससे बच्चे की पैंट और जांघ का हिस्सा जल गया। बच्चे ने किसी तरह वह पत्थर जेब से बाहर निकाला, लेकिन इस कोशिश में उसका अंगूठा भी जल गया। घटना के बाद, सारे पत्थर के टुकड़े इकठ्ठा कर लिए गए और अलग रख दिए। कुछ समय बाद, वे सभी टुकड़े अपने आप जलने लगे। यह देख परिवार और मोहल्ले वाले डर गए। परिवार ने बाकी बचे हुए टुकड़े को पानी में डाल दिया, जो अब तक सुरक्षित है। इस घटना पर एक्सपर्ट का कहना है कि यह पत्थर शायद एक उल्कापिंड (मेटियोराइट) हो सकता है। उल्कापिंड जब पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो वे बेहद गर्म हो जाते हैं और गिरने के बाद भी काफी समय तक गर्म या प्रतिक्रिया कर सकते हैं।