कार्तिकेय सिंह मात्र 22 दिन तक मंत्री रहे। मालूम हो कि जिस दिन बिहार की महागठबंधन सरकार के मंत्रियों का शपथ चल रहा था, उसी दिन कार्तिकेय सिंह के शपथ ग्रहण के बाद उनपर चल रहे अपहरण केस की जानकारी सामने आई थी। अपहरण के उस केस में कार्तिकेय सिंह को जिस दिन कोर्ट में पेश होना था उस दिन वो राजभवन में मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। इस कारण कार्तिकेय सिंह के साथ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर भी भाजपा सहित अन्य विपक्षी दलों ने हमला किया था।
हालांकि तब तेजस्वी सहित लालू प्रसाद ने भी कार्तिकेय सिंह का बचाव किया था। लेकिन बुधवार को जब कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय छिन लिया गया। उन्हें गन्ना उद्योग विभाग दिया गया। जिसके बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। नीतीश कुमार ने कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे को स्वीकार करते हुए उसे राज्यपाल फागू चौहान के पास भेज दिया है। कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे के बाद भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
इधर कार्तिकेय सिंह के इस्तीफे पर भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सरकार पर तंज कसा है। सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया कि नीतीश कुमार पहले ओवर में ही क्लीन बोल्ड हो गए। अभी तो कार्तिक कुमार का पहला विकेट गिरा है। अभी और कई विकेट गिरेंगे।
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वहीं बीजेपी बिहार के प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट किया, अजब खेल है, गजब है तमाशा। जदयू के मौनी बाबा ने शुरुआती चुप्पी साध ली तो राजद उनको जमुरा समझने लगी। अब एक दांव में चारों खाने चित हो गए। अपराध का आरोपी बना कानून मंत्री, फिर कानून मंत्री को गन्ना मंत्री बनाया, अतत़़ः गन्ना मंत्री से इस्तीफा दिलवाया। अब कृषि मंत्री की बारी है।