कानून मंत्री के रूप में कार्तिक कुमार के शपथ ग्रहण के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी की ओर से नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साध रही थी। बीजेपी ने कार्तिक कुमार पर 2014 के अपहरण के एक मामले में गिरफ्तारी वारंट लंबित के बाद भी कानून मंत्री बनाए जाने पर निशाना साधा था। कार्तिक कुमार राजद (राष्ट्रीय जनता दल) कोटे से बने हैं, जो बाहुबली नेता अनंत सिंह के खास माने जाते हैं।
कार्तिक कुमार के कानून मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद जब मीडिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं इस मामले में राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के प्रवक्ता शक्ति यादव ने सफाई देते हुए कहा था कि अपराध, भ्रष्टाचार के खिलाफ महागठबंधन सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है। अगर मंत्री कार्तिक कुमार दोषी पाए जाएंगे तो सरकार उन पर कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा था कि आरोप लगाने और उसे साबित करने में अंतर होता है।
दोनों मंत्रियों के विभागों में बदलाव को लेकर कैबिनेट सचिवालय के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 166 (3) के द्वारा प्रदान शक्तियों को यूज करते हुए संविधान के अधीन बनी कार्यपालिका नियमावली के नियम 6 (1) एवं 7 (1) के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह से राज्यपाल के आदेश पर कार्तिक कुमार जगह अब गन्ना उद्योग विभाग के मंत्री डा.शमीम अहमद को कानून मंत्रालय विभाग का कार्य आवंटित किया गया है। वहीं कार्तिक कुमार को अब गन्ना उद्योग विभाग का कार्य आवंटित किया गया है।