16 जिलों के 4 लाख लोग प्रभावित
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण 16 जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 31 प्रखंडों में 152 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत लगभग 4 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तैनात
बाढ़ से प्रभावित आबादी को सुरक्षित निष्क्रमित करने के लिए एनडीआरएफ की कुल 12 टीम एवं एसडीआरएफ की कुल 12 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त वाराणसी से एनडीआरएफ की तीन टीमों को बुलाया गया है।
बाढ़ पीड़ितों के लिए 43 राहत शिविर
बताया गया कि लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने एवं आवागमन के लिए 630 नावों का परिचालन कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त बाढ़ पीड़ितों के लिए 43 राहत शिविरों का संचालन किया जा रहा है, जिसमे 11 हजार से अधिक लोग शरण लिये हुए हैं।
नेपाल में भारी बारिश से बढ़ा जलस्तर
उल्लेखनीय है कि नेपाल में भारी वर्षा के कारण रविवार की सुबह पांच बजे कोसी बैराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक जलस्राव हुआ था, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है। जल संसाधन विभाग का दावा है कि तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग की टीमें दिन-रात तत्पर हैं। हालांकि कई तटबंधों के क्षतिग्रस्त होने के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है।