शरद पवार से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचे। जहां उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ मुलाकात हुई। मालूम हो कि राष्ट्रपति चुनाव के समय नीतीश कुमार की पार्टी जदयू एनडीए का हिस्सा थी। न केवल राष्ट्रपति चुनाव बल्कि उपराष्ट्रपति चुनाव में भी जदयू के सांसदों और विधायकों ने एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया था।
इससे पहले शरद पवार से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों की एक राय है कि अधिक से अधिक दल एक साथ होकर राज्यों और देश के विकास के लिए काम करेंगे। मैंने यह भी कह दिया है कि सब एकसाथ होकर लड़ेंगे तो देश का विकास होगा क्योंकि ये लोग(भाजपा) तो कुछ काम कर नहीं रहे हैं।
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नीतीश कुमार ने कहा हमारी मुलाकात अच्छे वातावरण में हुई है। भाजपा कोई काम नहीं कर रही है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा विपक्ष का एकजुट होना जरूरी है। अगर सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होती हैं, तो ये देश के भले के लिए होगा। नीतीश कुमार इसके पहले राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और सीताराम येचुरी से भी मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि नीतीश कुमार का कहना है कि उनके लिए प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनना महत्वपूर्ण नहीं है। विपक्ष के सभी दल एकजुट हो जाएं, ये प्रयास है।
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गौरतलब है कि शरद पवार भी इसके पहले विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश कर चुके हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि भाजपा सहयोगी पार्टियों को धीरे-धीरे खत्म कर रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ भी यही किया गया है। यही वजह है कि शरद पवार ने भी सभी पार्टियों से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है।