प्रज्वल के वकील ने पूछा ये सवाल
प्रज्वल रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि आरोप गंभीर हैं, लेकिन शिकायत में धारा 376 IPC (Rape) के अपराध का उल्लेख नहीं किया गया है। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने तर्कों को दरकिनार कर प्रज्वल की याचिका खारिज कर दी। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते रेवन्ना पर कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों में आरोप लगाया गया था, जिसका खुलासा 2024 के संसदीय चुनावों के दौरान स्पष्ट वीडियो लीक होने के बाद हुआ था।क्या है रेप का मामला?
अप्रैल 2024 में प्रज्वल के सैकड़ों सेक्स टेप सामने आए, जिनमें कई वीडियो में वह महिलाओं की मर्जी के बिना संबंध बनाते और फिल्माते नजर आए हैं। प्रज्वल की घरेलू सहायिका ने सबसे पहले इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद अन्य मामले भी सामने आए। इस बीच प्रज्वल जर्मनी भाग गए और मामले की जांच SIT को सौंप दी गई। 31 मई को, उन्हें जर्मनी से लौटने पर CID की एसआईटी ने बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया था। वे 35 दिनों तक जर्मनी में रहे थे, जब उनके सैकड़ों अश्लील वीडियो सामने आए थे, जिनमें कथित तौर पर उन्हें कई महिलाओं के साथ दिखाया गया था।वे लोकसभा चुनाव में 40,000 से ज़्यादा वोटों से हार गए थे।