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Share Market में हो गया बड़ा खेल! 70 फीसदी इंट्राडे निवेशकों को हुआ इक्विटी कैश सेगमेंट में घाटा

SEBI की स्टडी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान इक्विटी कैश सेगमेंट में 70% से ज्यादा खुदरा निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ा।

नई दिल्लीJul 25, 2024 / 10:59 am

Anish Shekhar

अधिक रिस्क की वजह से बाजार विशेषज्ञ लंबे समय से खुदरा निवेशकों को इंट्राडे ट्रेडिंग से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं। अब बाजार नियामक सेबी की एक सेगमेंट में हर 10 में से 7 खुदरा निवेशकों को घाटा होता है। वहीं सेबी पहले ही कह चुका है कि डेरिवेटिव सेगमेंट में 90% से अधिक खुदरा निवेशक नुकसान उठाते हैं। सेबी की स्टडी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान इक्विटी कैश सेगमेंट में 70% से ज्यादा खुदरा निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ा। इस स्टडी की समीक्षा अकादमिक जगत से लेकर ब्रोकर्स और मार्केट एक्सपट्र्स ने भी की है।
सेबी ने बुधवार को कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान इक्विटी कैश सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग में शामिल लोगों की संख्या वित्त वर्ष 2019-19 के मुकाबले चार गुना बढ़ गई। स्टडी के मुताबिक, इक्विटी कैश सेगमेंट में ट्रेड करने वाले हर 3 में से 1 शख्स इंट्राडे ट्रेडिंग करता है।

क्या कहती है सेबी की स्टडी

– वित्त वर्ष 2022-23 में 30 साल से कम की आयु वाले इंट्राडे ट्रेडर्स की हिस्सेदारी बढक़र 48% हो गई, वित्त वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 18% था।
– साल में 500 से ज्यादा ट्रेड करने वालों की कैटगरी में नुकसान सहने वाले इंडिविजुअल निवेशकों की हिस्सेदारी बढक़र 80त्न हो गई।

– 30 साल से कम उम्र वाले युवा ट्रेडर्स में नुकसान सहने वालों की हिस्सेदारी 76% रही, जो बाकी आयु वर्ग के मुकाबले ज्यादा है
– नुकसान सहने वाले लोगों के ट्रेड की संख्या मुनाफा कमाने वाले लोगों के ट्रेड की संख्या से ज्यादा थी।

– नुकसान सहने वालों ने अपने ट्रेडिंग नुकसान का अतिरिक्त 57% ट्रेडिंग कॉस्ट के तौर पर खर्च किया, मुनाफा कमाने वालों ने अपने ट्रेडिंग प्रॉफिट का 19त्न ट्रेडिंग कॉस्ट पर खर्च किया।

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