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BH Series Registration: BH नंबर पर हाईकोर्ट का आया बयान, केंद्र सरकार नहीं, राज्य परिवहन के हिसाब से लगे टैक्स

BH Number Series: केंद्रीय मोटर वाहन (बीसवां संशोधन) नियम 2021 में BH सीरीज वाहनों के लिए मोटर वाहन टैक्स (Motor Vehicles Tax) के सिद्धांतों को निर्दिष्ट करने वाला नियम 51b पेश किया गया।

नई दिल्लीJan 10, 2025 / 01:56 pm

Akash Sharma

BH Number Series

BH Series Registration: केरल हाईकोर्ट ने BH नंबर के लिए रजिस्ट्रेशन को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। हाईकोर्ट के अनुसार, भारत (BH) पंजीकरण वाले वाहनों को उस राज्य में प्रचलित दरों के अनुसार मोटर वाहन कर का भुगतान करना होगा, जहां पंजीकरण की मांग की गई है। न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार के पास बीएच सीरीज (Bharat Series) के वाहनों के लिए मोटर वाहन कर की दर निर्धारित करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि मोटर वाहन टैक्सेशन (Taxation) राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आने वाला विषय है। जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने वाहन मालिकों की ओर से दायर रिट याचिकाओं पर यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया, जो केरल मोटर वाहन विभाग ने राज्य का कर चुकाए बिना बीएच सीरीज के तहत उनके वाहनों को पंजीकृत करने से इनकार करने से व्यथित थे।

BH रजिस्ट्रेशन क्या है?

2021 में केंद्र सरकार ने राज्यों के बीच वाहनों के निर्बाध हस्तांतरण की अनुमति देने के लिए “भारत सीरीज (बीएच-सीरीज)” की शुरुआत की थी। बीएच पंजीकरण रक्षा कर्मियों, केंद्र सरकार/राज्य सरकार/केंद्र या राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों और निजी क्षेत्र की कंपनियों/संगठनों के लिए उपलब्ध है। इनके ऑफिस चार राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 47 के अनुसार, किसी राज्य में पंजीकृत वाहन को 12 महीने से अधिक समय तक दूसरे राज्य में रखने के लिए उसे फिर से पंजीकरण कराना पड़ता है। बीएच रजिस्ट्रेशन स्थानांतरण के कारण बार-बार स्थानांतरण से गुजरने वाले व्यक्तियों के लिए फिर से पंजीकरण की आवश्यकता को समाप्त करता है। इस पंजीकरण चिह्न वाले वाहन को मालिक के एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरित होने पर नए पंजीकरण चिह्न की आवश्यकता नहीं होगी।

बीएच पंजीकरण के लिए केंद्र द्वारा निर्धारित Tax slab 

केंद्रीय मोटर वाहन (बीसवां संशोधन) नियम 2021 में BH सीरीज वाहनों के लिए मोटर वाहन टैक्स (Motor Vehicles Tax) के सिद्धांतों को निर्दिष्ट करने वाला नियम 51बी पेश किया गया। नियम 51B(2) में टैक्सेशन की दर इस प्रकार निर्दिष्ट की गई है
1. इनवॉइस मूल्य 10 लाख रुपये से कम – इनवॉइस मूल्य का 8%

2. 10-20 लाख रुपये – 10%

3. 20 लाख रुपये से अधिक – 12%

डीजल वाहनों (Diesel Vehicles) पर 2% अतिरिक्त कर लगाया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vechicles) पर 2% कम Tax लगाया जाएगा।
क्या केंद्र BH-सीरीज के तहत वाहन पंजीकरण के लिए टैक्स दरें निर्धारित कर सकता है?

कोर्ट के समक्ष मुद्दा यह था कि क्या केन्द्र सरकार अपनी नियम-निर्माण शक्ति के माध्यम से मोटर वाहनों पर राज्य की ओर से लगाए जाने वाले टैक्स का रेट निर्धारित कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि मोटर वाहनों पर कर संविधान की 7वीं अनुसूची की सूची II की प्रविष्टि 57 के साथ अनुच्छेद 246 के तहत राज्यों का विशेष अधिकार क्षेत्र है। हालांकि, केंद्र सरकार के पास सूची III की प्रविष्टि 35 के अनुसार राज्य की ओर से यांत्रिक रूप से चालित वाहनों पर Taxation के लिए सिद्धांत निर्धारित करने की शक्ति है। हालांकि ऐसी शक्ति Tax Rates के विनिर्देशन तक विस्तारित नहीं हो सकती।
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कोर्ट ने कही ये बात

कोर्ट ने कहा, “केन्द्र सरकार कानून बनाकर या अधीनस्थ विधान के माध्यम से सिद्धांतों को निर्धारित कर सकती है । हालांकि, मोटर वाहनों पर कर अनुच्छेद 246 के तहत राज्यों का विशेष अधिकार क्षेत्र है, जिसे सातवीं अनुसूची की सूची II की प्रविष्टि 57 के साथ पढ़ा जाए । कर में कर की दर शामिल है। इसलिए, केन्द्र सरकार के पास मोटर वाहनों पर कर की दर निर्धारित करने की शक्ति नहीं होगी।” इसलिए, कोर्ट ने फैसला दिया कि बीएच श्रृंखला के वाहनों के लिए केंद्र की ओर से निर्दिष्ट कर दरें लागू करने योग्य नहीं हैं।

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