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Pm Modi की रूस यात्रा से पहले MOD को सौंपीं अमेठी में बनीं 35 हजार क्लाशनिकोव-203 राइफलें, 1 मिनट में दाग देती है 700 गोलियां

AK-203 vs INSAS Rifle : AK-203 राइफल की जगह अभी इस्तेमाल हो रही इंसास (Indian Small Arms System) राइफलों से काफी अलग है। 1996 से इस्तेमाल हो रही इस राफइल के मुकाबले क्लाशनिकोव-203 छोटी, हल्की और बहुत ही घातक है।

नई दिल्लीJul 06, 2024 / 01:45 pm

Anand Mani Tripathi

Pm नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से ठीक पहले अमेठी रक्षा फैक्टरी ने भारतीय सेना को 35 हजार एके-203 राइफलों की आपूर्ति की है। भारत और रूस के जॉइंट वेंचर इंडो-रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) ने इस राइफल को तैयार किया है। संयुक्त उद्यम के तहत यह राइफलें रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार की गई हैं। इस परियोजना की सबसे खास बात यह है कि रूस क्लाशनिकोव राइफलों की तकनीक भी स्थानां​तरित कर रहा है। रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के महानिदेशक एलेक्जेंडर मिखीव ने बताया संयुक्त उद्यम के तहत इस परियोजन का पहला चरण तय समय में पूरा कर लिया गया है। इसके साथ ही भारत AK-203 असॉल्ट राइफल का उत्पादन करने वाला पहला देश बन गया है। भारत इसे अब अन्य देशों को भी आपूर्ति कर पाएगा। इस परियोजना को 2021 में मेक इन इंडिया के तहत शुरू किेया गया था।

AK-203 vs INSAS Rifle : सर्दी हो गर्मी कभी जाम नहीं होती AK-203

क्लाशनिकोव-203 राइफल की जगह अभी इस्तेमाल हो रही इंसास (Indian Small Arms System) राइफलों से काफी अलग है। 1996 से इस्तेमाल हो रही इस राफइल के मुकाबले क्लाशनिकोव-203 छोटी, हल्की और बहुत ही घातक है। अभी तीनों सेनाओं के पास करीब आठ लाख इंसास हैं। सबसे खास बात यह है कि यह जाम नहीं होती है। लंबाई और वजन कम होने के कारण प्रयोग में बेहतर है।

AK-203 Amethi Manufacturing Latest Update: रिकार्ड स्तर पर पहुंचा डिफेंस प्रोडक्शन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी एक्स पोस्ट में बताया है कि भारत का एनुअल डिफेंस प्रोडक्शन 2023-24 में लगभग 1.27 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया है। 2022-23 में डिफेंस प्रोडक्शन 1.08 लाख करोड़ रुपए था। डिफेंस एक्सपोर्ट 2023-24 में 21 हजार करोड़ के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। पिछले फाइनेंशियल ईयर की तुलना में 32.5% की बढ़ा है। 2022-23 में यह आंकड़ा 15 हजार 920 करोड़ रुपए था।

AK-203 vs AK47 : ये है भारत में बन रही AK-203 की खासियत…

AK-203 1 मिनट में 700 गोलियां दागती है
AK-203 800 मीटर तक मार गिराने की क्षमता
AK-203 एक राउंड में 30 गोलियां होती हैं फायर
AK-203 आटोमैटिक और सेमी आटोमैटिक है ये राइफल
AK-203 राइफल की पूरी लंबाई 705 मिलीमीटर है
AK-203 का कुल वजन 3.8 किलोग्राम है।
AK-203 7.62 कैलिबर की है यह राइफल
AK-203 की बैरल 414 एमएम है
AK-203 क्लाशनिकोव 200 सीरिज का नया वर्जन है।
AK-203 में 7.62×39 एमएम की गोली का प्रयोग होता है।
AK-203 अपनी सीरिज AK-47 सीरीज का एडवांस्ड वर्जन है।
AK-203 सर्दी, गर्मी या फिर बारिश में जाम नहीं होती है।
AK-203 युद्ध के समय के लिए बेहतर और कम थकाऊ है।
भारतीय सेना को सात लाख AK-203 की जरूरत है

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