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नई दिल्ली

ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशजों ने 100 करोड़ की लागत में बाँके बिहारी मंदिर को किया तैयार, इस दिन पीएम मोदी करेंगे उद्धाटन

बिहार के पटना जिले में 100 करोड़ की लागत से इस्कॉन का भव्य श्री बांके बिहारी मंदि बनकर तैयार हो गया है। इस मंदर की खास बात यह है कि इसे ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशजों ने तैयार किया है।

नई दिल्लीApr 03, 2022 / 04:41 pm

Archana Keshri

ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशजों ने 100 करोड़ की लागत में बाँके बिहारी मंदिर को किया तैयार, इस दिन पीएम मोदी करेंगे उद्धाटन

ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशजों ने 100 करोड़ की लागत में बाँके बिहारी मंदिर को किया तैयार, इस दिन पीएम मोदी करेंगे उद्धाटन

भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित बिहार के पटना में बाँके बिहारी का मंदिर बनकर तैयार हो गया है। अब 3 मई, 2022 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे। 100 करोड़ की लागत से 11 साल के लंबे समय में बनकर तैयार हु्आ ये मंदिर 84 खंभों पर टिका है। इस मंदिर का निर्माण ताजमहल बनाने वाले कारीगरों के वंशजों ने किया है।
पटना के बुद्ध मार्ग स्थित नवनिर्मित मंदिर का उद्घाटन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य लोगों के आने की संभावना है। इस मंदिर के उद्घाटन के लिए पांच दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। 4 मंजिला यह मंदिर 2 एकड़ के क्षेत्र में फैला है। पटना के बुद्ध मार्ग पर स्थित इस विशाल मंदिर को नागर शैली में बनवाया गया है।
इस मंदिर में राजस्थान के मकराना का संगमरमर लगाया गया है, जो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देता है। इस मंदिर के हॉल में आराम से 5000 भक्तों के बैठने की सुविधा है। उद्घाटन को लेकर मंदिर की बेहतर साज-सजावट पर ध्यान दिया जा रहा है। इस दौरान देश-विदेश से इस्कान से जुड़े गुरु महाराज एवं भक्तों की भीड़ होगी।
इस मंदिर के खासियत की बात करें तो, 108 फीट की ऊँचाई वाला बाँके बिहारी मंदिर सेमी अंडर ग्राउंड है, मंदिर की पहली मंजिल पर 1000 लोगों की क्षमता वाला ‘प्रसादम्’ हाल है। वहीं दूसरी मंजिल पर भगवान बाँके बिहारी का गर्भ गृह है। यहीं पर राम दरबार और दूसरी ओर चैतन्य महाप्रभु का दरबार भी स्थित है। प्रसाद के लिए मंदिर में ही मॉडर्न स्टाइल का किचन है।
साथ ही गोविंदा रेस्टोरेंट भी है, जहाँ पर शाकाहारी खाना, अतिथियों के ठहरने के लिए 70 कमरे, 300 गाड़ियों की पार्किंग, लाइब्रेरी है। इसमें प्रभु पाद और महर्षि वेद व्यास द्वारा रचित ग्रंथों को रखा गया है। मंदिर में एक गौशाला भी है, जिसमें 500 गायों को रखा जा सकेगा। पटना में इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष ने बताया कि 2007 में मंदिर का भूमिपूजन किया गया था। उस समय कार्यक्रम में देश विदेश से भारी संख्या में कृष्ण भक्त शामिल हुए थे। मंदिर निर्माण का काम 2010 में शुरू हुआ था।

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इतने बड़े मंदिर को तैयार करने में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च हुए है। इस्कॉन मंदिर का निर्माण ऐतिहासिक द्वारिकाधीश मंदिर की तर्ज पर किया गया है। मंदिर के पुजारी रामपूर्ति दास बताया कि मंदिर को 84 खंभों पर बनाए जाने के पीछे एक खास कारण है। हिंदू धर्म में 84 योनियों का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि इन 84 खंभों की एक बार परिक्रमा करने से 84 योनियों के च्रक से मुक्ति मिलती है। आपको बता दें, इस मंदिर का उद्घाटन 2021 में ही होना था, मगर कोरोना संकट के कारण मंदिर के उद्घाटन में थोड़ी देर लगी है।

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