पुलिस प्रशासन की ओर से सीमा सड़क संगठन और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पुराने ट्रैफिक प्लान को ही यथावत रखने का निर्णय लिया है। जोशीमठ में हो रहे भू.धंसाव के कारण बदरीनाथ हाईवे में भी कई जगह दरारें आने से ये हाइवे तंग हालत में पहुंच गया है। सिंहधार में माउंट व्यू और मलारी इन होटल के डिस्मेंटल कार्य से हाईवे की स्थिति खतरनाक बनी हुई है। यहां हाईवे करीब 20 मीटर तक भू धंसाव की चपेट में है। पर चारधाम यात्रा के दौरान जोशीमठ में यात्रा वाहनों की आवाजाही पहले की ही तरह करवाई जाएगी। पुलिस प्रशासन की ओर से ट्रैफिक प्लान के तहत यात्रा वाहनों को मारवाड़ी चौक से नृसिंह मंदिर होते हुए बदरीनाथ धाम के लिए रवाना किया जाएगा।
चारधाम यात्रा के लिए अब तक दो लाख श्रद्धालु पंजीकरण करा चुके हैं। केदारनाथ के लिए 1.12 लाख और बदरीनाथ के लिए 92 हजार तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। पर्यटन विभाग के उप निदेशक योगेंद्र गंगवार ने बताया कि 21 फरवरी को चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण शुरू किया गया था।
छह माह के लंबे शीतकालीन अवकाश के बाद उत्तराखंड में चार धाम यात्रा को शुरू होने जा रहा है। उत्तराखंड के चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन किए जाते हैं। चार धाम यात्रा उत्तरकाशी में यमुनोत्री से आरंभ होती है। और उसी जिले में गंगोत्री तक जाती है। फिर रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मंदिर है। और अंतिम में चमोली जिले में स्थित बद्रीनाथ धाम पर जाकर पूरी होती है। चार धाम यात्रा कुल 1607 किमी का होता है।
पर उत्तराखंड 31 मार्च शाम से एक बार फिर मौसम ने करवट ली। पहाड़ों में एक बार फिर से मौसम खराब हो गया है। पहाड़ों जमकर हुई बर्फबारी से अचानक ठंड बढ़ गई है। केदारनाथ धाम में देर रात से बर्फबारी जारी है। यहां ताजा बर्फबारी एक फीट तक हो गई है। केदारनाथ में पिछले कई दिनों बर्फबारी जारी है। लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से केदारनाथ यात्रा की तैयारियां बाधित हो रही हैं।