दरअसल, 1 जुलाई 2021 से टीडीएस ( Tax Deducted at Source ) का नया नियम लागू हो गया है। नए नियमों के मुताबिक जिन लोगों ने 2018-19 और 2019-20 का आयकर रिटर्न नहीं भरा है और जिनका टीडीएस और टीसीएस संयुक्त रूप से 50 हजार रुपए से ज्यादा है, उनके वेतन के अलावा अन्य कमाई पर, इस बार ज्यादा टीडीएस ( TDS ) कटेगा। आईटी विभाग ने ऐसे लोगों को स्पेसफाइड परसन की कटेगरी में रखा है।
ऐसे चेक करें लिस्ट में अपना नाम आपका नाम आयकर विभाग की स्पेसफाइड परसन वाली लिस्ट में है या नहीं, इस बात को जानने के लिए आपको सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट http://report.insight.gov.in पर विजिट करना होगा। इस वेबसाइट पर टैक्स काटने वाली संस्थाएं जैसे बैंक, म्यूचुअल फंड या कंपनियों पर आप नाम चेक कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर आप अपने निवेश के आधार पर यह पता लगा सकते हैं कि टीडीएस ( TDS ) ज्यादा कटने वाला है या नहीं। इस बेबसाइट पर बैंक, म्यूचुअल फंड या अन्य सेविंग कंपनियां सरकार को यह बताती हैं कि निवेश पर किसका कितना टैक्स बनता है।
टैक्स ज्यादा देने से बचने के उपाय आईटी डिपार्टमेंट की स्पेसीफाइड पर्सन की लिस्ट से टैक्सपेयर्स ( Taxpayers ) अपना नाम कटवा सकते हैं। इसके लिए आपको 2020-21 का इनकम टैक्स रिटर्न भरना होगा। इस बारे में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 21 जून, 2021 को एक सर्कुलर जारी किया था। सर्कुलर में कहा गया है कि टैक्सपेयर अगर 2020-21 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल ( ITR file ) करता है तो उसका नाम ज्यादा टीडीएस की लिस्ट से हट सकता है। ऐसे लोगों को केवल सामान्य टीडीएस ही चुकाना होगा।
ये है नया नियम नए टीडीएस कानून 2020-21 के अन्तर्गत ITR-V का इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है। नए कानून के मुताबिक इस आईटीआर को सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर बेंगलुरु में मैनुअली भेजने पर वैध माना जाएगा। अगर आईटीआर भरा जाए लेकिन वेरिफाई न कराया जाए तो टैक्सपेयर का नाम स्पेसफाइड परसन की लिस्ट से नहीं हटेगा।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में दो नए सेक्शन 206AB और 206CCA जोड़े हैं। दोनों सेक्शन 1 जुलाई 2021 से लागू हो गए हैं। दोनों सेक्शन यानि टीडीएस और टीसीएस ( टैक्स कलेक्शन एट सोर्स ) में हाई टैक्स का प्रावधान है। 206AB टीडीएस अऔर 206CCA टीसीएस का जिक्र है।