कोर्ट ने दिया ये तर्क
पीठ ने कहा कि मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि बच्चा याचिकाकर्ता के लिए अजनबी है। अगर आप चाहें तो कृपया बच्चे से मिल लें। अगर आप बच्चे की कस्टडी चाहते हैं तो इसके लिए अलग प्रक्रिया है।अतुल सुभाष की ने खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
बेंगलुरू के तकनीकी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की मां अंजू देवी ने अपने साढ़े चार साल के पोते की कस्टडी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अतुल की मां ने पहले दावा किया था कि बच्चे का पता फिलहाल अज्ञात है क्योंकि अतुल की अलग रह रही पत्नी और उसके ससुराल वाले, जो अभी हिरासत में हैं, ने बच्चे के स्थान के बारे में कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया है।हरियाणा के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा बच्चा
मंगलवार को सुभाष की अलग रह रही पत्नी निकिता सिंघानिया की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बच्चा हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में पढ़ रहा है। वकील ने कहा कि हम बच्चे को बेंगलुरु ले जाएंगे। हमने लड़के को स्कूल से निकाल लिया है। जमानत की शर्तों को पूरा करने के लिए मां को बेंगलुरु में ही रहना होगा। यह भी पढें- OYO में कुंवारों की No Entry! जानिए, इस नियम पर क्या कह रहे हैं लोग
अगली सुनवाई में बच्चे को कोर्ट में पेश करने के निर्देश
अंजू देवी के वकील कुमार दुष्यंत सिंह ने बच्चे की कस्टडी की मांग की और आरोप लगाया कि उनकी अलग रह रही बहू निकिता ने बच्चे का स्थान गुप्त रखा है। तर्क दिया कि छह साल से कम उम्र के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं भेजा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को अगली सुनवाई पर बच्चे को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया और कहा कि मामले का फैसला मीडिया ट्रायल के आधार पर नहीं किया जा सकता।अतुल ने 9 दिसंबर को किया था सुसाइड
आपको बता दें कि 34 वर्षीय अतुल सुभाष 9 दिसंबर को मंजूनाथ लेआउट इलाके में अपने बेंगलुरु स्थित घर में मृत मिला था। उन्होंने जान देने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 90 मिनट का एक वीडियो शूट किया था। इसमें उन्होंने अपनी पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ उत्पीड़न और जबरन वसूली के आरोप लगाए थे।Hindi News / National News / Atul Subhash Suicide: सुप्रीम कोर्ट ने अतुल सुभाष के बेटे की कस्टडी दादी को देने से किया इनकार, जानिए अब किसके पास रहेगा बच्चा