1. आप अपने दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं।
2. छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो सकता।
3. जीवनरूपी फूल को पूर्ण ताकत के साथ खिलाएं।
4. हम अहिंसा में विश्वास रखे हैं। और यह चाहते हैं कि विश्व के संघर्षों का समाधान शांति और समझौते के मार्ग से हो।
5. परमात्मा भी आकर कहे कि छुआछूत मानो, तो मैं ऐसे परमात्मा को भी मानने को तेयार नहीं लेकिन परमात्मा ऐसा कर ही नहीं सकता।
6. आज मानव और मानव के बीच में जो भेद की दीवार खड़ी है उसे हटाना होगा। इसके लिए राष्ट्रीय अभियान को आवश्यकता हैं।
7. अपना जीवन जीना एक कला है, एक विज्ञान है। इन दोनों में समन्वय आवश्यक है।
8. हमे जलना होगा, गलना होगा। कदम मिलकर चलना होगा।
9. मुझे अपने हिंदुत्व पर अभिमान है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं मुस्लिम विरोधी हूं।
10. हमारे पड़ोसी कहते हैं कि एक हाथ से ताली नहीं बजती, हमने कहा कि चुटकी तो बज सकती है।
राजनीति के अलावा, वाजपेयी एक प्रमुख लेखक थे और उन्होंने कई कविताओं की रचना की हैं। 2004 में प्रधानमंत्री कार्यकाल खत्म होने के बाद बीजेपी के इस दिग्गज ने अपने स्वास्थ्य के कारणों से सक्रिय राजनीति से अलग हो गए। 2015 में वाजपेयी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 25 दिसंबर वाजपेयी के सम्मान में ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।